कभी कभी बच्चे कुछ ऐसा कर जाते हैं की लोगो के लिए मिसाल बन जाती हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही बच्ची की कहानी बताने जा रहे हैं। इस बच्ची का नाम रीना हैं जोकि छठी क्लास की छात्रा है। वे एक सरकारी स्कूल में पढ़ती है। हर दिन की तरह स्कूल से वह घर लौट रही थी। घर लौटते वक्त रीना को एक बैग गिरा हुआ मिला। रीना कुछ देर तक बैग लेकर वही खड़ी रही। उसे उम्मीद थी कि शायद वह महिला बैग लेने के लिए वापस आएं। रीना इंतजार करती रही लेकिन बैग लेने के लिए कोई नहीं आया।
यह पुरा मामला रायसेन जिले के उदयपुरा थाना क्षेत्र का है। यहां 20 फरवरीको यशपाल सिंह पटेल निवासी ककरुआ की बेटी का स्वर्ण आभूषण से भरा बैग गिर गया था। इसकी सूचना परिजनों ने उदयपुरा थाने को दी। पुलिस और परिजन उस बैग को ढूंढते रहे। साथ ही बैग से संबंधित जानकारी व्हाट्सएप पर भी भेजी गई। बैग को रीना को मिला था। वह अपने घर जाकर परिजनों को इसके बारे में जानकारी दी। जूलरी से भरा बैग देखने के बाद भी मजदूर परिवार का इमान नहीं डिगा। उसने उदयपुरा शहर के प्रतिषिठत डॉ मोहनलाल बड़कुर को बैग के बारे में जानकारी दी।
जूलरी से भरा बैग अपनी बेटी के साथ लेकर वह वहां पहुंचा। इसके बाद डॉ मोहनलाल बड़कुर ने थाना प्रभारी उदयपुरा को बताई। पुलिस ने इसके बारे में जूलरी मालिक को जानकारी दी। साथ ही बच्ची की ईमानदारी की तारीफ की है।जूलरी मिलने के बाद यशपाल सिंह पटेल और उनकी बेटी काफी खुश नजर आईं।
दरअसल ककरुआ की एक महिला अपने पिता केसाथ शादी से लौटकर अपने सौरल जा रही थी। ककरुआ से उदयपुरा के बीच में यह बैग गिर गया था। पर्स में 14 तोला सोना सहित सात लाख रुपये का सामान था। महिला के पिताने बैग ढूंढने के लिए सोशल मीडिया पर इनाम की राशि की घोषणा भी की थी। बैग मिलने की जानकारी मिलते ही परिवार की खुशी दोगुनी हो गई है।
इस परिवार ने रायसेन पुलिस के समक्ष बिटियो को नए कपड़े दिलाए। साथ ही 51 हजार रुपये की इनाम राशि भी दी। उदयपुरा थाने में बच्ची के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान शहर के कई प्रतिष्ठित लोग मौजूद थे।सभी लोगों इस परिवार की ईमानदारी के कायल नजर आए हैं। इसके साथ ही उदयपुरा थाना के प्रभारी ने भी अपनी तरफ से रीना को 11 सौ रुपये दिए हैं।यह घटना साबित करती हैं की ईमानदारीकी कीमत कभी काम नहीं हो सकती।