भारत से 1 दिन पहले क्यों पाकिस्तान मनाता है अपना आजादी का जश्न! जाने इसके पीछे की दिलचस्प कहानी

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भारत से 1 दिन पहले क्यों पाकिस्तान मनाता है अपना आजादी का जश्न! जाने इसके पीछे की दिलचस्प कहानी

जैसे कि आप जानते हैं पाकिस्तान बांग्लादेश और आसपास के छोटे-मोटे देश पहले भारत का ही हिस्सा हुआ करते थे। महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, बिस्मिल जैसे कहीं क्रांतिकारियों ने अपने यथार्थ प्रयत्नों से भारत देश को आजाद करने की मुहिम छेड़ी थी। इसी के तहत इंग्लैंड ने भारत को 1947 मे आजादी देना तय किया। दूसरा विश्वयुद्ध के बाद ब्रिटिश हुकूमत के पास इतनी ताकत नहीं बचे थे कि वह भारत के क्रांतिकारियों का सामना कर पाए। सुभाष चंद्र बोस ने बनाई हुई आजाद हिंद फौज, साथ ही गांधी जी की हिन्द छोड़ो मुहिम की वजह से अंग्रेजों का हौसला पस्त हो चुका था। इंग्लैंड ने भारत देश को आजाद करने का तय किया। इसी के तहत 1947 में 15 अगस्त के दिन भारत को आजाद करने के लिए चुना गया।

मगर तब तक जिन्ना ने मुस्लिम लीग को भड़का के अपने लिए अलग आजाद मुल्क की बात की। मुस्लिम लीग ने इंग्लैंड के समक्ष रखा की उनको उनके लोगो के लिए नया मुल्क चाहिए। जिसके तहत इंग्लैंड की सरकार ने तय किया कि पाकिस्तान और भारत नाम से नए देश होंगे। रजवाड़े जिस सरकार के साथ जाएंगे या जिस देश के साथ जाएंगे उस हिसाब से नए देश की रचना होगी। रजवाड़े अपने आप को एक मुक्त देश में घोषित कर सकते थे। मगर सरदार वल्लभभाई पटेल की कूटनीति बोलो या समझ उन्होंने धीरे-धीरे सारे रजवाड़ों को भारत में मिलाना शुरू किया। हैदराबाद के नवाब और कश्मीर के राजा हरी सिंह ने अपने आपको आजाद मुल्क घोषित किया। उसके अलावा पाकिस्तान की तरफ आए मुल्कों ने अपने लिए एक अलग देश बनाने का तय किया जिसका नाम उन्होंने पाकिस्तान रखा और उनके साथ आज के बांग्लादेश के नवाबों ने भी साथ दीया तेरी जिस वजह से बांग्लादेश का हिस्सा भी उस वक्त पाकिस्तान का ही एक बार माना जाता था।

तो तो दोनों देश एक ही दिन आजाद हुए थे तो पाकिस्तान 14 अगस्त को क्यों अपनी आजादी का जश्न मनाता है और भारत ने 15 अगस्त की तारीख हीटर छूने आइए जानते हैं। इंग्लैंड से जो दस्तावेज आए थे उसमें भारत की आजादी के और पाकिस्तान की आजादी की तारीख 15 अगस्त को तय की थी। मगर माउंटबेटन के लिए दोनों देशों के पार्लियामेंट में एक ही दिन उपस्थित रहना मुश्किल था इसलिए 14 अगस्त को माउंटबेटन दिल्ली से पाकिस्तान गए और पाकिस्तान की पार्लामेंट में उसमें उन्होंने भाषण देते हुए बताया कि 15 अगस्त से यानी कल से पाकिस्तान एक आजाद मुल्क होगा और हम प्रार्थना करते हैं कि पाकिस्तान अपने पड़ोसियों और पूरे विश्व के साथ अच्छे संबंध बनकर रखे।

उसी दिन दोपहर को माउंटबेटन अपना भाषण खत्म करते हैं दिल्ली की तरफ आए और 15 अगस्त को दिल्ली में उन्होंने भाषण देते होंगे भारत की आजादी की घोषणा की उसके बाद जवाहरलाल नेहरू की मशहूर भाषण रेडियो पर सुनाया गया जिस के चर्चे आज तक होते हैं इस तरह दोनों देश देखा जाए तो एक ही दिन आजाद हुए थे मगर जहां माउंटबेटन ने पाकिस्तान में 14 अगस्त को भाषण दिया उस वजह से पाकिस्तान ने उसी दिन को अपनी आजादी का दिन घोषित किया और उस दिन से आज तक पाकिस्तान 14 अगस्त कोई अपनी आजादी का जश्न मनाते हे।

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