भारत दिन प्रति द्दिन अपनी फौज को अत्याधुनिक हथियारों से लैज करना चाहता हे. पिछले 8 सालो मे भारतीय सेना के हथियारो मे आधुनिकरण को विशेष महत्त्व दिया गया हे. भारतीय वायु सेना के लिए भी नै जनरेशन के फाइटर जेट ख़रीदे जा रहे हे. साथ नहीं मेड इन इंडिया मेक इन इंडिया पे भी भार दिया जा रहा हे. आज भारत अपने कही पडोसी देशो मे भारत मे बने मिसाइल, जेट जैसे हथियार बेच रहे हे. भारत एक के बाद एक बैलिस्टिक मिसाइल का परिक्षण कर रहा हे, इसी श्रृंखला मे आज बैलिस्टिक मिसाइल प्रलय का ओडिशा तट पर सफल परीक्षण किया है.
भारत हर तरह की बैलेस्टिक मिसाइल का परिक्षण कर रहा हे, चाहे वह हवा से हवा मे मर करने वाला हो या सतह से हवा मे, या पानी से हवा मे मर करने वाली हो. आज यानि गुरुवार को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन (DRDO) ने अपने जारी बयान में कहा कि आज भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर के लक्ष्य को भेद सकती है। अधिकारियों ने आगे बताया कि सुबह करीब साढ़े दस बजे एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से प्रोजेक्ट प्रलय मिसाइल ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया।
यह मिसाइल नजदीकी लडाई या करीबी दुश्मन को टारगेट करने के लिए इसका उपयोग किआ जायेगा. प्रलय कि दूरी की बात करें तो यह 350-500 किमी कम दूरी तय कर सकता है, यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। जिसकी पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है। प्रलय को विकसित करने की परियोजना मार्च 2015 में ₹332.88 करोड़ के बजट के साथ स्वीकृत की गई थी।
भारत द्वारा अपनी नई पीढ़ी की अग्नि प्राइम मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किए जाने के कुछ ही दिनों बाद प्रलय का भी परिक्षण किआ गया हे। अग्नि-पी अग्नि कैटेगरी की मिसाइलों का एक नया एडवांस वेरिएंट है। बालासोर में 1000 से 2000 किमी की रेंज वाली सतह पर परीक्षण किया गया था डीआरआरडीओ ने अपनी अपडेट मे बताया था की परमाणु सक्षम सामरिक मिसाइल के नए प्राइम वेरिएंट ने अपने सभी मिशन उद्देश्यों को उच्च स्तर की सटीकता के साथ पूरा किया है। साथ ही, ये परमाणु सक्षम मिसाइल का पहली बार DRDO द्वारा 28 जून, 2021 को ओडिशा तट पर परीक्षण किया गया था और यह सफल भी रहा। ऐसे परिक्षण सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की दिशामे भारत को मजबूत कर रही हे.