महावीर भगवान के वक्त यानी आज से 2500 साल पहले हरियांका साम्राज्य हुआ करता था जिसका राजा बिंबिसार थे और यह खजाना इन्हिका माना जाता हे। भारत अपने इतिहास, संस्तुति के लिए दुनिया भर मे जाना जाता हे। भारत यानी रहस्य और चमत्कारो से भरा देश। भारत को इतिहास मे सोने की चिड़िया कहा जाता था इसके कही सबूत भी हे भारत मे दुनिया का 30% पैसा था। भारत मे आज भी खुदाई मे एतिहासिक इमारत मूर्तियां, सोने चांदी के आभूषण मिलते ही जैसे के केरला के एक मंदिर मे खबरो का खजाना मिला। ऐसा ही खजाना बिहार मे माना जाता हे।
इतिहासकार बताते हैं कि हर्यक वंश के संस्थापक बिंबिसार को सोने और चांदी का बहुत शौक था। सोना-चांदी का मेल होने के कारण वह आभूषणों को जमा करते थे। कहा जाता है कि बिहार के राजगीर की गुफा में बिंबिसार का अमूल्य खजाना छिपा है। जहां हजारों कोशिशों के बाद भी एक ऐसा रहस्यमयी दरवाजा है, जिसे कोई खोल नहीं पाया। कई बार इस दरवाजे को खोलने की कोशिश की, लेकिन सफलता आज तक नहीं मिली, आज लाखो लोग यह गुफा देखने आते हे.
बिबिसार एक महान राजा हो गए जो अजके बिहार, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश को सिमायो तक उनका राज था। वह जैन तीर्थकारो मे सबसे पहले तीर्थकर भी माने जाते हे! वह महावीर स्वामी से मिले और उसके बाद उन्होने सब त्याग कर के जैन धर्म के फैलाव का काम किया। उनका नाम भी बिंबिसार से पद्मनाथ या महापदमा किया। एक दत कथा के अनुसार जब उन्होने राज का त्याग किया तो उनका खजाना बिबिसार की पत्नी ने गुफा मे छुपाया था।
जब यह बात अंग्रेजों को पता चली तो उन्हो ने भी गुफा तक पहुंचने का हर संभव प्रयास किया, लेकिन कभी कामियाब नहीं हो पाए. यहा आने वाले पर्यटक इस अनसुलझी पहेली को जानना चाहते हे. कुछ लोगों का मानना है कि खजाना पूर्व मगध सम्राट जरासंघ का है, लेकिन ज्यादातर लोगो का माने तो खजाना हरयक वंश के संस्थापक बिबिसार है, क्योंकि उस गुफा से कुछ दूरी पर एक जेल थी जिसमें अजातशत्रु ने अपने पिता बिंबिसार को कैद किया था। उस कारागार के अवशेष अभी भी हैं, इसलिए इस खजाने को बिंबिसार का एकमात्र खजाना माना जाता है।
कहा जाता है कि बिंबिसार की कई रानियां थीं। इनमें से एक रानी बिंबिसार के बेहद करीब थीं, जिन्होंने उनकी पसंद का पूरा ख्याल रखा। जब अजातशत्रु ने उसके पिता को पकड़ लिया तो इस रानी ने राजा के सारे खजाने को इसी गुफा में छिपा दिया था, जिससे यह खजाना दूसरी पत्नी के बेटे और राजा के हाथ मे न आया. जहा खजाने तक पहुंचने का रास्ता है वहा दरवाजे पर एक बडा पत्थर रखा गया है। इस रहस्यमयी खजाने का दरवाजा आज तक किसी ने नहीं खोला है।
इस गुफा के द्वार पर लगे पत्थर पर शंख लिपि मे मंत्र लिखे हुए हे. जिसे अभी तक कोई पढ नही पाया हे मन जाता हे की य से गुफा का दरवाजा खोला जायेगा. अंग्रेजों ने गुफा के दरवाजे को तोप से तोडने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए. आज भी वहा निशान देखे जाते हे.