बीवी मायके में झगड़ा कर बैठी थी, पति ने 12 साल की बेटी और 10 साल के बेटे साथ कर दिया कांड

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बच्चे अपने पिता को अपने रक्षक के रूप में देखते हैं। उन्हें यकीन होता है कि जब भी कोई मुसीबत आएगी तो उनके पिता उनकी जान बचा लेंगे। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी दर्दनाक घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जहां एक पिता ने अपने दोनों बच्चों की जान ले ली। इतनी ही नहीं बच्चों को मारने के बाद उसने खुद भी आत्महत्या कर ली। जब यह सब हुआ तब उसकी बीवी मायके में थी। आइए इस घटना को थोड़ा और विस्तार से जानते हैं।

यह घटना बीते रविवार सुबह की है। राजस्थान के सोजत रोड थाना क्षेत्र के बासनी ग्राम में 40 वर्षीय पिता टीकाराम बावरी अपनी बीवी, बेटा भलाराम और बेटी सुरता के साथ रहता था। टीकाराम की बीवी मायके गई हुई थी। वह घर में दोनों बच्चों के साथ अकेला था। फिर रविवार सुबह उसने अपने 10 साल के बेटे और 12 साल की बेटी को जबरन घसीटते हुए कुएं में फेंक दिया। ऐसा करने के बाद वह खुद भी कुएं में कूद गया।

जब आसपास रहने वालों को इसका पता चला तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सोजत डीएसपी डॉ हेमंत कुमार सहित प्रशासनिक अधिकारी कुएं पर आए। हालांकि कुआ अच्छी हालत में नहीं था ऐसे में जौधपुर से एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। इसके बाद कुएं से तीनों शवों को बाहर निकाला गया। प्राथमिक जांच के बाद पुलिस ने सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए राजकीय अस्पताल भेज दिया।

उधर गाँव में यह घटना आग की तरह फैल गई। इसके बारे में सुन कोहराम मच गया। शुरुआती जांच में यह पता चला कि टीकाराम बावरी और उसकी बीवी का पिछले कुछ महीने से झगड़ा चल रहा था। इस झगड़े की वजह से ही उसकी बीवी पति और बच्चों को छोड़ मायके चली गई थी। शायद इसी बात से नाराज होकर टीकाराम ने बच्चों को मारकर खुद भी खुदखुशी कर ली। पुलिस ने इसकी सूचना मृतक की बीवी को भी दी है। उसे भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

यह बहुत ही दुखद बात है कि मिया बीवी के झगड़ों की बलि बच्चे बन गए। उन मासूमों का क्या कसूर था। यदि पति को अपनी जान देना ही था तो अकेला मर जाता लेकिन मासूमों की जान लेने की क्या जरूरत थी। इसके पहले भी इसी तरह के की मामले सामने आ चुके हैं जहां लोग खुद तो खुदखुशी करते ही हैं, लेकिन साथ में बच्चों को भी उनकी मर्जी के बिना मार देते हैं।

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