बप्पी दा ने साल 1986 में 33 फिल्मो में 180 के करीब गाने बनाकर बनाया था अनोखा रेकॉर्ड !

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गायक और संगीतकार बप्पी लहरी का बुधवार सुबह निधन हो गया। मशहूर गायक ने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। बुप्पी लाहिड़ी 69 साल के थे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह जानकारी दी। बप्पी लाहिड़ी का मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा था। उन्हें सोमवार को छुट्टी दे दी गई, लेकिन उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। विशेष रूप से, बप्पी दा ने केवल तीन साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। ऐसे समय में जब लोग शांत और रोमांटिक संगीत सुनना पसंद करते थे, ऐसे में बप्पी दा ने बॉलीवुड में एक डिस्को म्यूज़िक की शरुआत की। 70 और 80 के दशकों में बॉलिवुड में बप्पी दा का काफी दबदबा रहा। बप्पी दा ने अपने पुरे करियर में करीब 5000 से भी ज्यादा गाने गाए हैं।

जो के बप्पी दा ने डिस्को म्यूज़िक की शरुआत में बॉलीवुड में की थी तो उन्हें लोग प्यार से डिस्को किंग से बुलाते थे। बुप्पी लाहिरी एक भारतीय गायक, संगीतकार, अभिनेता और रिकॉर्ड निर्माता थे। बॉलीवुड में रॉक एंड डिस्को की एंट्री के साथ ही बुप्पी लाहिड़ी ने अपनी धुन से फैन्स को झकझोर कर रख दिया है. बुप्पी लाहिड़ी का असली नाम आलोकेश लाहिरी है। उनका जन्म 27 नवंबर 1952 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम अपरेश लाहिड़ी और माता का नाम बंसारी लाहिड़ी है। माता और पिता दोनों गायक थे। तो उनका बचपन संगीतमय माहौल के बीच गुजरा। बुप्पी लहरी ने 3 साल की उम्र से तबला बजाना शुरू कर दिया था।

बुप्पी लाहिरी को संगीत में गहरी दिलचस्पी थी इसलिए उन्होंने एक गायक बनने का फैसला किया और संगीत का अध्ययन करना शुरू कर दिया। वे पियानो, ड्रम, गिटार और ड्रम जैसे वाद्ययंत्र बजाते थे। बप्पी दानी प्रेरणा आर डी। बर्मन बने। यह भी कहा जाता है कि बप्पी दा टीनएज में आर.डी. बर्मन के गाने सुनना और रिहर्सल करना।

उन्हें पहला मौका 1972 में एक बंगाली फिल्म ‘दादूर’ से मिला। जिसके बाद उन्होंने 1973 में पहली हिंदी फिल्म ‘नन्हा शिकारी’ के लिए संगीत तैयार किया। इसके जरिए वह बॉलीवुड में आए। उन्हें असली सफलता 1975 में ताहिर हुसैन की हिंदी फिल्म ज़ख्मी से मिली। फिल्म में बप्पी लहरी ने रफी ​​और किशोर कुमार के साथ गाया था। जिसके बाद बुप्पी दा एक के बाद एक फिल्म में संगीत देकर मशहूर हो गए।

कहा जाता है कि बप्पी दा ने 1986 में एक साल में करीब 33 फिल्मों में 180 गाने गाए थे। उनका रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। उन्हें फिल्मफेयर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड सहित कई पुरस्कार मिले हैं। उन्होंने हिंदी के अलावा कन्नड़, तेलुगु, बंगाली और उड़िया के अलावा अन्य भाषाओं में गाने तैयार किए हैं। बुप्पी लाहिड़ी ने 5000 से ज्यादा गाने गाए हैं।

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