पानी के लिए बच्चियां-महिलाएं लगा रहीं जान की बाजी, यूं उतर रहीं 30 फीट गहरे कुएं में; वीडियो वायरल

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हमारे देश में अभी गर्मी के समय में बहुत सारी ऐसी जगहे है जहा पर लोग पानी की समस्या से बहुत जूझ रहे है। ऐसे में महिलाओ और बच्चो को गांव से बहुत दूर पानी भरने के लिए जाना पड़ता है। पानी की कमी होने के कारण पानी के लिए अक्सर गांव के लोगो के बीच लड़ाई भी होती है। ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले के यहां के घुसिया ग्राम पंचायत के ढीमरटोला गांव में पानी की कमी से लोग बेहाल हैं।

मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले से हैरान करने वाली तस्वीरें और वीडियो सामने आया है. यहां के घुसिया ग्राम पंचायत के ढीमरटोला गांव में पानी की कमी से लोग बेहाल हैं। भीषण गर्मी में पानी लाने के लिए बच्चियों और महिलाओं को जान हथेली पर रखकर 30 फीट गहरे कुएं में उतरना पड़ रहा है। इस इलाके के करीब-करीब सभी जसस्रोत सूख गए हैं। यही एक कुआं बचा है, जिसमें पानी देखकर लोग नीचे उतरने पर मजबूर हो जाते हैं।

बता दें, ढीमरटोला गांव इन दिन पानी के लिए तरस रहा है। लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है। जिस कुएं से बच्चियां और महिलाएं पानी ला रही है, उसमें पानी तलहटी से रिस-रिसकर आता है। उसके बाद पानी को कटोरे के सहारे बाल्टी में भरा जाता है और बाल्टी के सहारे ऊपर खींचा जाता है। बूंद-बूंद पानी को तरस रहे इस इलाके की हालत को जानते हुए भी जिम्मेदार अधिकारी अंजान बनकर बैठे हैं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में घुसिया ग्राम के सैंकड़ों ग्रामीण जलसंकट की समस्या लेकर पहुंचे थे। उस वक्त पीएचई विभाग के अधिकारी ने जलसंकट के लिए दो गांवों के बीच आपसी लड़ाई को वजह बताकर मामले से पल्ला झाड़ लिया था। पीएचई अधिकारी की मानें तो घुसिया गांव में लाखों की लागत से जल जीवन मिशन योजना का काम स्वीकृत हुआ है, लेकिन दो गांवों के आपसी विवाद के कारण योजना का काम पूरा नहीं हो पा रहा है। ,इस वजह से जलसंकट की समस्या बनी हुई है।

मामले को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि हमें किसी भी कीमत पर पानी चाहिए। हम पानी के लिए कोसों दूर जा रहे हैं। कटोरों से पानी भर रहे हैं। हमारी स्थिति बहुत खराब है। हम रात-दिन पानी ही भर रहे हैं। इसकी वजह से झगड़े भी हो रहे हैं। कलेक्ट्रेट भी गए थे पानी की शिकायत करने। लेकिन, अधिकारी नहीं सुन रहे। ग्रामीण चुनाव का बहिष्कार करने की बात भी कर रहे हैं। टैंकर आते भी हैं तो हर व्यक्ति को एक-एक कटोरा ही पानी मिल पाता है।

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