हर माँ बाप की इच्छा होती है के उनके बेटे की शादी हो जाये तो उनका टेंशन खत्म हो जाये। लेकिन कई बार यह गिनती उलट भी पड़ जाती है। कई बार बेटे की शादी हो जाने के बाद घर में बहु ऐसी आती है के सास ससुर को अलग करने को कहती है। ऐसे मामले दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे। ऐसा ही एक केस उत्तरप्रदेश के कानपूर जिले की फेमिली कोर्ट आया है
इस मामले में पत्नी ने अपने पति से कहा के अब ‘मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकती। अगर तुमको मेरे साथ रहना है तो तुम अपनी मां को वृद्धाश्रम छोड़ आओ या मेरे लिए दूसरा घर लो।‘जहां एक पत्नी अपने पति से रिश्ता रखने के लिए ये शर्त रखी है। पति ने उसकी पत्नी को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बानी फिर पति को कुछ समझ नहीं आया को पति ने परिवार परामर्श का सहारा लिया।
ये इकलौता ऐसा मामला नहीं है बल्कि महीने में कई ऐसे मामले सामने आ रहे जो पुरुषों के लिए नए दौर की एक चुनौती बनी हुई है। हाल ये है कि परिवार परामर्श में पिछले छ: महीने में ऐसे ही करीब 40 मामले आए है। हालांकि कुछ मामले सुलझ गए और कुछ मामले परामर्श में चल रहे।
मनीषा बाजपेयी, काउंसलर ने बताया के समाज में ऐसे मामलों की वजह ये है कि लड़कियों की जल्दी शादी तो हो गई। लेकिन जब जिम्मेदारी और पारिवारिक रोक-टोक होती है तो झगड़ा शुरू होता है। उनमें समझ की भी कमी होती है। वह स्वतंत्र रहना चाहती है, जिसकी वजह से पति से लड़ाई होती है।
अंकिता वर्मा, महिला थानाध्यक्ष बताती है के अब के समय में सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी प्रताड़ित हो रहे है। आर्थिक स्थितियां समझते हुए भी पत्नियों की मांग लम्बी रहती है। मांग नहीं पूरी होने से झगड़े शुरू होते है जो धीरे-धीरे बड़ी रूप ले लेता है। महिलाएं शिक्षित और स्वावलंबी होंगी तो झगड़े नहीं होंगे।