ऐसे हुई थी भगवान महादेव की उत्पत्ति, जय महाकाल

Devotional

भगवान शिव के बारे में सभी जानते होंगे. लेकिन उनकी उत्पत्ति कब हुई? कैसे हुई? इसके बारे में आप नहीं जानते होंगे. भगवान शिव को स्वयंभू कहा जाता है. इसका मतलब यह होता है कि, भगवान शिव की ना तो शुरुआत है, ना ही अंत है. तो फिर इनकी उत्पत्ति हुई कहां से? यह हम आज इस लेख में जानेंगे.

भगवान शिव को सबसे शिखर के 3 देवताओं में स्थान प्राप्त है. ब्रह्मा जी को सर्जक कहा गया है. विष्णु जी को रक्षक कहा गया है और शिव जी को विनाशक की भूमिका दी गई है. ऐसा कहा जाता है कि, प्रकृति मैं जो कोई भी मौजूद है, उसका विनाश निश्चित है.

कई पुराणों में ऐसा बताया गया है की, ब्रह्मा जी और विष्णु जी की उत्पत्ति शिवजी में से हुई है. लेकिन शिव भक्तों में एक सवाल खड़ा होगा कि आखिर भगवान शिव की उत्पत्ति कहां से हुई?

ऐसा कहा गया है कि, भगवान उसे स्वयंभू है. जिसका अर्थ ऐसा होता है कि, जिसका जन्म मानव शरीर में से नहीं हुआ हो. भगवान शिव यहां तब थे, जब कोई नहीं था और उनका अस्तित्व यहां तब तक रहेगा, जब यहां पर कोई नहीं रहेगा. भगवान शिव को आदिदेव भी कहा गया है. भगवान शिव को सबसे प्राचीन देव माना जाता है.

कई पुराणों में भगवान शिव की उत्पत्ति के बारे में बताया गया है. सभी में भगवान शिव की उत्पत्ति स्वयंभू ही दिखाई गई है. कहीं पर भी उनके जन्म का जिक्र नहीं किया गया है. भगवान शिव सबसे ऊपर है. कई पुराणों में भगवान शिव की उत्पत्ति के बारे में बताया गया है. लेकिन सभी पुराणों में सटीक जानकारी नहीं दी गई है.

भगवान शिव की आराधना करना बहुत अच्छा माना जाता है. सावन मास में भगवान शिव को जल अर्पित करने से बहुत सारे लाभ मिलते हैं और भगवान शिव की कृपा हम पर सदैव बनी रहती है.

ऐसी रोचक जानकारी हर रोज पाने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें और इस लेख को अपने परिजनों और मित्रों के साथ शेयर करना ना भूले. धन्यवाद.

ऊपर बताई गई जानकारी धार्मिक आस्थाओं और अलौकिक मान्यताओं पर आधारित है.. जिसे मात्र लोगों की रुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *