नौकरी की है टेंशन तो शुरू करें यह सुपरहिट बिजनेस, घर बैठे लाखों रुपये की होगी कमाई!

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आज के समय में अगर परिवार में कोई एक ही इंसान कमाने वाला हो तो पैसा बचाने की तो दूर की बात लेकिन लोग बहुत मुश्किल से अपना गुजरान चलाते है। क्योकि आज देश में जीवन जरुरी हरेक चीज बहुत महंगी हो गई है , जिससे आम आदमी की कमर टूट गई है। ऐसे में इंसान कोई एक इनकम या कमाई पर अपना गुजरा नहीं कर सकता उसे नौकरी साथ साथ कुछ ऐसा करना चाहिये जिसे वह नौकरी के साथ दूसरे स्त्रोत से भी कमाई कर सके।

अगर आप नौकरी से तंग आ गए हैं और कोई ऐसा बिजनेस करना चाहते हैं, जिसमें जिंदगी में कभी घाटा ना हो तो आज हम आपको एक ऐसा बिजनेस आइडिया दे रही है, जिसकी बाजार में जबरदस्त डिमांड है। यह एक ऐसा प्रोडक्ट है, जिसे, सर्दी, गर्मी बारिश हर मौसम में खाया जाता है। इसके अलावा इसे बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी बड़े चाव से खाते हैं। इतना ही नहीं इस प्रोडक्ट की डिमांड गांव से शहरों तक हमेशा जोरदार बनी रहती है।

हम बात कर रहे हैं मखाना की खेती करने के बारे में। मखाना की खेती देश में सबसे अधिक बिहार के कुछ जिलों में होती है। बिहार में नीतीश सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के मसकसद से मखाना विकास योजना की शरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को 72,750 रुपये की सब्सिडी मुहैया कराई जाती है।

बिहार के 8 जिलों में सबसे अधिक मखाना की पैदावार होती है। इसमें कटिहार, दरभंगा, सुपौलस किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा, अररिया, पश्चिम चंपारण जिले के किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। ये सभी जिले मिथिलांचल क्षेत्र में आते हैं।

कितने रुपये होंगे खर्च

एक हेक्टेयर में मखाना की खेती करने के लिए 97,000 रुपये की लागत आती है। इस पर किसानों को अधिकतम 72,750 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। सब्सिडी पाने के लिए इन 8 जिलों के किसान बिहार सरकार के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

बीज के लिए टेंशन नहीं

इसके बीज (makhana seeds) खरीदने में भी ज्यादा खर्च नहीं है, क्योंकि पिछली फसल के बचे बीज से नए पौधे उग आते हैं। इसकी खेती में मुख्यत: मजदूरी के लिए जो पैसे खर्च करने पड़ते हैं, वहीं बड़ा होता है। इसमें पानी के ऊपर उगे फसलों की छंटाई करनी होती है। फसल के दाने को पहले भूना जाता है, फिर उसे फोड़ कर बाहर निकाला जाता है। इसके बाद उसे धूप में सुखाया जाता है, तब जाकर इसकी फसल पूरी तरह तैयार मानी जाती है। इस काम में मेहनत है और एक दो किसान के जिम्मे यह काम भारी है। लिहाजा मजदूरों का सहारा लेना पड़ता है जिसमें अच्छा-खास पैसा खर्च होता है। हालांकि बाजार में इसकी मांग को देखते हुए किसान मखाना बेचकर कई गुना तक मुनाफा कमा लेते हैं।

कितनी होगी कमाई

मखाना की खेती तालाब के साथ-साथ एक से डेढ़ फीट गहरे खेत में भी की जा सकती है। इससे साल में करीब 3 से 4 लाख रुपये की कमाई (makhana profit) हो जाती है। बड़ी बात यह है कि मखाना निकालने के बाद स्थानीय बाजारों में इसके कंद और डंठल की भी भारी मांग होती है, जिसे किसान बेचकर पैसा कमाते हैं। अब किसान मछली पालन करने से ज्यादा मखाना से कमाई कर रहे हैं। कच्चे फल की मांग को देखते हुए किसानों को कहीं भटकना नहीं होता है, बल्कि बाजार में यह आसानी से बिक जाता है।

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