हिन्दू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व होता है. पूरे नौ दिनों तक माता की पूजा के साथ-साथ अखंड ज्योत भी जलाई जाती है। अखंड ज्योत जो दिन-रात जलती रहे. इसे भक्त की आस्था से भी जोड़कर देखा जाता है।
अखंड ज्योति का मतलब ऐसी ज्योति जो खंडित न हो। अखंड ज्योत निरंतर जलती रहनी चाहिए। नवरात्रि में अखंड ज्योति का बहुत अधिक महत्त्व होता है। नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योत का बुझना अशुभ माना जाता है। जहां भी यह ज्योति जलाई जाती है वहां इसके समक्ष हर वक्त किसी न किसी व्यक्ति का उपस्थित होना जरूरी होता है।
मान्यता है कि अखंड ज्योत जलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।अखंड ज्योत में एक ऐसी पॉजिटिव एनर्जी होती है, जो शत्रुओं की बुरी नजर से आपकी रक्षा करती है. जैसे अंधेरे घर में दीपक की लौ रोशनी करती है, वैसे ही माता के नाम का ये दीपक हमारी जीवन के अंधकार को दूर करता है।
अखंड ज्योत को माता की प्रतिमा या तस्वीर के किस तरफ रखना चाहिए?
पुराणों में कहा गया है कि दीपक या अग्नि के समक्ष अगर कोई जप किया जाता है, तो उसका फल हजार गुना हो जाता है. अगर आप घी की ज्योत जला रहे हैं तो उसे हमेशा उनके दाहिनी ओर रखना चाहिए. अगर आप तेल की ज्योति जला रहे हैं तो उसे देवी के बाईं ओर रखना चाहिए. ध्यान रहे ये ज्योत शांत नहीं होनी चाहिए. समय-समय पर इसको सही करते रहना चाहिए और इसमें प्रयाप्त मात्रा में तेल घी हो इसका भी ख्याल रखें।
अखंड ज्योत जलाते समय ध्यान रखे यह खास बातें-
घी का दीपक जलाने से घर में उत्पन्न होती है सकारात्मक ऊर्जा
विद्यार्थियों के लिए घी का दीपक जलाना शुभ होता है
शनि के कुप्रभाव से मुक्ति के लिए तिल के तेल की अखंड ज्योत शुभ मानी जाती है
कपूर डालकर दीपक जलाने से श्वास की परेशानी होती है दूर
कपूर का दीपक नर्वस सिस्टम के लिए होता है लाभदायक