कहते हैं की ऊपर वाला जब भी देता हैं छप्पड़ फाड् के देता हैं। उसके घर देर हैं अंधेर नहीं। इस आदिवासी युवक के भाग्योदय को लोग मां लक्ष्मी की कृपा से जोड़कर देख रहे हैं। अत्यंत गरीब परिवार के सुजय पहान को अपने परिवार को दो वक्त का भोजन देने के लिए हाड़तोड़ परिश्रम करना पड़ता था. आदिवासी युवककी 30 रुपये में खरीदी हुई लॉटरी ने किस्मत बदल दी हैं। दो वक़्त की रोटी के लिए मेहनत करने वाले इस युवक की किस्मत बदलने को लेकर सब इसे धनतेरस पर हुई लक्ष्मी कृपा से जोड़कर देख रहे हैं।
सुजय पहान को अपने परिवार को दो वक्त का भोजन देने के लिए हाड़तोड़ परिश्रम करना पड़ता था। उन्होंने काफी पहले से ही परिवार की स्थिति को समझते हुए काम करना शुरू कर दिया था। वैसे उसकी पारिवारिक चुनौतियों भी और लोगो से थोड़ी ज्यादा ख़राब थी।उनके पिता काफी समय से बीमार चल रहे हैं। घर का खर्च चलाने के लिए मां को भी नर्स का काम करना पड़ता था। इतने सब प्रयासों से भी घर का खर्च पूरा नहीं पड़ पा रहा था।
ऐसे में अपने घर की परिस्थिति को बदलने के लिए उन्होंने किस्मत पे भी हाथ आजमाने का सोचा और उन्होंने एक 30 रुपये का एक लॉटरी का टिकट खरीद लिया था। और इस टिकट ने वाकई में उनकी किस्मत बदल दी। पिछले शनिवार को उसने तीस रुपये खर्च कर लॉटरी के पांच टिकट खरीदे थे। जब वो टिकट के नंबर मिलाने पहुंचे तो देखा की वो लॉटरी जित गए हैं जो की पुरे एक करोड़ रुपये की थी। ये देखकर उनकी माँ की भी ख़ुशी नहीं समां रही थी। की आखिर उनके दुःख के दिन अब ख़तम।
वैसे तो वो बेहद ही खुश हो गए पर आनन फानन में उन्होंने कुछ लोगो को बताय और बात पुरे गांव में फ़ैल गयी। तो लोगो की सलाह पे वे थाना पहुँच गयी क्युकी वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे। पुलिस ने भी स्थिति को भांपते हुए मामले की जांच करने का आश्वासन दिया हैं और कहाँ हैं की अगर वाकई ऐसा देखा जाएगा कि सुरक्षा देने की जरूरत है तो उसे पुलिस की तरफ से सुरक्षा जरूर उपलब्ध की जाएगी।