कोरोना महामारी ने लोगो को अपनी आर्थिक स्थिति पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है| परिवार में मुख्य कमाने वाले व्यक्ति अब अपने परिवार के भविष्य की सुरक्षा लेकिये सोचते है| अगर किसी मुख्य कमाने वाले व्यक्ति ने लोन ली है और उसकी मौत हो जाती है तो परिवार के ऊपर आर्थिक परेशानियो का बोज आ पड़ता है| अगर ऐसे में अगर किसीने होम लोन लिया है तो ऐसी स्थिति बहोत भरी होती है|
होम लोन में लोन अमाउंट बहोत ज्यादा होती है और उसकी अवधि भी ज्यादा होती है| अगर ऐसे में लोन धारक की मृत्यु हो जाती है तो बेंक क्या करेगा? क्या बेंक घर की नीलामी कर देगा? ऐसे सवाल आपके मन में उद्भव हो रहे होंगे| लेकिन बेंक अपनी आखरी स्थिति में नीलामी का विकल्प चुनती है| उससे पहले बेंक हर संभव कोशिश करती है जिससे उनका लोन आसानी से परिवार को परेशानी पहुचाये बिना वापिस लिया जा सके|
अगर लोन धारक की मृत्यु हो जाती है तो लोन पेमेंट करने के लिए मृतक के कानूनी वारिस को कहा जाता है| उसके अलावा गारंटर कोभी मौका दिया जाता है| ऐसी स्थिति तब ही बनती है जब होम लोन प्रोटेक्शन पालिसी नहीं दी गई हो| ऐसे में घर के ऊपर आर्थिक परेशानी बहोत अधिक आ पड़ती है|
ऐसी स्थिति में बेंक फ्लेक्सिबल होकर अपनी पूरी कोशिश करता है की उनके वारिस को कम से कम EMI देकर और लोन की वधि को बढाकर परिवार को सहायता दी जाए| इसके अलावा अगर कानूनी वारिस सक्षम नहीं है तो वह दुसरे वारिस जिसके पास लोन चुकाने के लिए पर्याप्त आय है उनको अधिकार दे सकता है|
अगर इन सब परेशानियो से बचना है तो आप होम लोन प्रोटेक्शन पालिसी ले सकते है| इसमें लोन धारक को सबसे ज्यादा फायदा और सबसे कम परेशानियो का सामना करना पड़ता है| ऐसी स्थिति में लोन की बाकी कीमत इन्सुरंस कंपनी द्वारा चुकाई जाती है और घर मृतक के कानूनी अधिकारी को मिल जाता है|