छोटे से ढाबे से शुरुआत, गरीबी को मात देके आज खड़ा कर दिया शानदार रिसोर्ट, संघर्ष और परिश्रम का बेजोड नमूना

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वह कहते हैं ना अगर कड़ी मेहनत और आपका लक्ष्य निर्धारित हो तो आपको आपके जीवन में कामयाबी जरूर मिलती हैं। कुछ उसी तरीके से अंकुश ने भी सालों तक कड़ी मेहनत की और अपने परिवार को गरीबी में से बाहर लेके आने m कामयाब मे हुए । उन्होंने एक छोटे से ढाबे से शुरुआत की थी, आज 33000 स्क्वायर फुट के रिसोर्ट के मालिक हैं। आइए जानते हैं इनकी सक्सेस स्टोरी, कैसे इन्होंने इतनी बड़ी कामयाबी हासिल की:

अंकुश कक्कड़ जब 13 साल के थे तब उनके पिता के साथ शॉल के व्यवसाय मे जुडे। एक छोटी सी दुकान मे मदद किया करते थे। उनके परिवार की आय कम थी, जिसके चलते किसी को नौकरी पर रखना सम्भव नही था। वरना मुनाफा नौकरी और पगार देने में ही चला जाता। ऐसे में अंकुश कक्कड़ एक छोटी उम्र मे ही अपने पिता के साथ जाता और शॉल बेचने मे मदद करता। ऐसे में अंकुश ने छोटी सी उम्र में ही व्यवसाय की बुनियादी चीजे सीख ली थी। अंकुश का बचपन या कहे तो उनके परिवार ने बहुत ही संघर्ष के साथ गुजरा था।

अंकुश बताते हैं कि वह अपनी पढ़ाई और पिता को मदद करना दोनों एक साथ मैनेज करते थे। स्कूल खत्म करके वह सीधे अपने दुकान पर चले जाते थे और पिता की हर संभव मदद करत थे।अंकुश ने बताया कि वह तकरीबन 2 सालो तक ऐसा ही चलता रहा। इस वजह से उनके परिवार का गुजारा जैसे तैसे चलता रहा। 2 सालों में निर्धारित कर लिया की अपने साथ-साथ अपने परिवार का भविष्य भी और आर्थिक अनिश्चित इनकम को फिक्स इनकम में बदल देंगे। पैसों की कमी से परिवार को मुक्ति दिलाएंगे।

इसी के चलते अंकुश ने 16 साल की उम्र मे अपने पिता के साथ मिलकर पुराना बस स्टेशन के पास एक ढाबा खोला। अकुश कक्कर कुछ बडा करने के लिए पैसे चाहिए थे। जिसके लिए संघर्ष जरूरी था अंकुश ने इसकी नीव रख दी थी। बताते हैं कि ढाबे के लिए उन्होने बहुत ही छोटी जगह ली थी। इससे वो ट्रक ड्राइवर, बस ड्राइवर को खाना खिलाते थे। अंकुश आगे बताते हैं कि दो-तीन साल में ही उन्होने अच्छा सेविंग करके जमा कर लिए। इन पेसो से उन्होने 10 कमरो का एक छोटा होटल बनाने के लिए जमीन खरीद ली।

जल्द ही अंकुश ने थोड़ा बहुत लोन लेकर वहा छोटासा होटल बना दिया। होटल को अच्छा रिस्पांस मिलने की वजह से उनकी आमदनी बढने लगी। अंकुश थोड़े में संतुष्ट होने वाले नहीं थे, उन्होंने 2००6 मे उन्होने एक और होटल खरीदा। इसके बाद उन्होने हिमाचल प्रदेश बद्दी मे एक 33000 वर्ग स्क्वायर फुट के रिजॉर्ट के लिए लीज पर जमीन ली। फिर क्या एक शानदार रिसोर्ट के मालिक बन गए। आपको बता दें कि इतना ही नहीं उन्होने इस बीच ज्योतिष का अध्ययन भी किया है और इसके साथ में ज्योतिषी भी करते है।

उनका कहना है कि इस होटल को बनाने के लिए उन्होंने तीन करोड का निवेश किया है। आशिया होटल लीज पर ली गई संपत्ति में बनाया गया है इसमें 20 कमरे है 4 हॉल है, कॉटेज है रेस्टोरेंट है, बार भी है, स्विमिंग पूल, जिम से लेकर हर तरह की बेसिक फैसिलिटी उपलब्ध है और हिमाचल में होने की वजह से यहां पर टूरिस्ट रिस्पॉन्स भी अच्छा रहता है। अंकुश की मेहनत से मिली कामयाबी सच में तारीफ के लायक है। उनकी हार ना मानने की जिद की वजह से आज वह अपने परिवार को गरीबी से बाहर लाकर एक अच्छा जीवन देने में कामयाब हुई है. अंकुश कक्कर का संघर्ष हजारो लाखो लोगो के लिए प्रेरणा रूप हे।

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