चीनी भी तेल की रफ्तार पकड़ने को तैयार, जानिए क्यों बढ़ सकते हैं चीनी के भाव

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देश में पिछले कुछ समय से जीवन जरुरी सभी चीजों की कीमते दिन ब दिन आसमान छू रही है। रोजाना उपयोग में लिये जनि वाली चीजों की कीमत बढ़ने से इसका सीधा असर मध्यम और गरीब वर्ग के लोगो पर पड़ता है। पिछले कुछ समय में कोई ऐसी चीज नहीं जिसकी कीमते ना बढ़ी है जैसे के खाद्यतेल ,सब्जिया ,रसोई गैस,पेट्रोल और सभी प्रकार की दालों के भी भाव आसमान छू रहे है।

आपको बतादे के अब सरसों तेल के भाव जल्द ही ₹200 प्रति लीटर तक पहुंच जायेंगे।देश में सभी चीजों के भाव बढ़ रहे है तो देश के लोगो के जख्मो पर नमक छिड़कने के लिये अब एक जानकारी मिली है के अब जल्द ही चीनी के भी भाव बढ़ सकते है। सूत्रों द्वारा मालूम पड़ा है के चीनी के दाम 10 से 15% तक बढ़ सकते हैं।

अभी कुछ दिनों पहले ही चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने पीएमओ को एक चिट्ठी भेजी है उसमे निर्देश किया गया है के चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की विनती की है। आपको बतादे के चीनी मिलों के संगठन ने जो चिठ्ठी भेजी है उसमे उल्लेख किया गया है के चीनी के जो अभी न्यूनतम भाव 31 रुपये प्रति किलो है उसे बढ़ाकर 35 रुपये प्रति किलो किए जाने की मांग की है। ताकि मिलों के आने वाले समय में फंड की कमी ना हो और वे अगले फसल सीजन मे किसानों को समय पर भुगतान कर सकें।

आपको बतादे के खुदरा बाजार में चीनी ₹40 के प्रति किलो के आसपास बिक रही है। दरअसल केंद्र सरकार ने हाल ही में गन्ना के न्यूनतम समर्थन मूल्य वृद्धि की है। इससे चीनी मिलों को किसानों को भुगतान करने का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है जिसे देखते हुए चीनी मिलों ने चीनी के दाम में बढ़ोतरी की मांग की है।इधर अफगानिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के बीच प्रदेश के बाजारों में ड्राई फ्रूट्स के दाम भी काफी बढ़ गए हैं। बता दें कि भारत अफगानिस्तान से एक बड़ी मात्रा में ड्राई फ्रूट्स का आयात करता है।

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