हमारे देश में हर रोज जीवन जरुरी चीजों के दामों में बढ़ोतरी देखी जाती है। इससे मध्यम वर्ग के लोगो पर बहुत असर पड़ता है। एक तो कोरोना काल से लोगो हल बुरा हो ही गया है और ऊपर से जीवन जरुरी चीजों के दामों में बढ़ोतरी होने से आम आदमी की कमर टूट जाती है। ऐसे देश में त्योहारी का सीजन चल रहा है तो आम आदमी के लिये एक बहुत अच्छी खबर आयी है।
आपको बतादे के देश में आम आदमी भी अच्छे से त्यौहार मना सके इस बात को ध्यान रखते हुए तेल कम्पनियो के एसोशियन ने फैसला लिया है के त्योहारों के समय में वह उपभोक्ताओं को आगे और राहत देने के का निर्यण लिया है। बतादे दे के सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने कहा, ‘‘एसईए के सभी सदस्यों के एक बैठक बुलाई थी और उसमे आम आदमी भी अच्छे से त्यौहार मना सके उसके लिये फैसला लिया गया है।
एसोशियन की बैठक में दिवाली उत्सव को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेलों की कीमतों में 3,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति टन कीमत करने का अहम निर्यण लिया गया है ।’एसईए ने कहा कि शुल्क में कटौती के बाद 10 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच पामोलीन, रिफाइंड सोया और रिफाइंड सूरजमुखी की थोक कीमतों में 7-11 प्रतिशत की कमी आई है।एसईए ने कहा, ‘‘हालांकि इन सभी खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, सरकार द्वारा शुल्क में कमी ने उपभोक्ताओं पर होने वाले प्रभाव को कम किया है।
खाद्य तेलों की कम उपलब्धता के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में हुई बढ़ोतरी के अनुरूप घरेलू खाद्य तेल कीमतों में भी तेजी आई है। भारत अपनी 60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेलों की मांग को आयात से पूरा करता है। वैश्विक कीमतों में किसी भी वृद्धि का स्थानीय कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।