किसान कानूनों को आज वापस लेने कि हुई गोष्णा। राकेश टिकैत ने दी प्रतिक्रिया कहा अभी खत्म नही हुआ आंदोलन और रखी ये शर्तें!

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जैसा कि हम जानते हैं पिछले 1 साल से कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। आज से करीब 1 साल पहले 3 किसान कानुन बनाए गए थे। जिसके विरोध में किसान एकत्रित हुए थे और इन कानूनों को हटाने की मांग रखी थी। यह तीन नए कानूनों का विरोध ज्यादा तर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलो में देखा गया था।

किसान आंदोलन सरकार के लिए भी एक बहुत बड़ा मुद्दा बन गया था। देश के हजारों किसान जब 3 कानूनों को हटाने की मांग कर रहे थे तब सरकार उनसे बातचीत करने की कोशिशें कर रही थी, मगर अब ऐसा लग रहा है कि सरकार अपनी बातचीत में नाकाम रही है या किसानों को इन कानूनों से मिलने वाले लाभ को समझाने में असमर्थ रही है। अब ईशान कानूनों को लागू करने के साल भर बाद और उग्र विरोध के बाद यह तीनों कानूनों को हटाने की मोदी सरकार ने जाहिरात की है। आने वाले विधानसभा सत्र में इन कानूनों को हटाने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू करने का वादा किया है।

पीएम मोदी के इस फैसले के बाद, माना जा रहा हे की किसान का आंदोलन ठंडा पड जाएगा! वहीं राकेश टिकैत की भी इसमें प्रतिक्रिया आई है। राकेश टिकैत ने अपने ट्वीट में बताया कि आंदोलन अभी वापस नहीं लिया जाएगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संवैधानिक रूप से संसद में रद्द किया जाएगा। इसके साथ उन्होंने बताया कि सरकार दूसरे मुद्दों के साथ-साथ एमएसपी पर चर्चा करे।

आज के फैसले पर आए हुए राकेश टिकैत के ट्वीट पर हजारों प्रतिक्रिया आए कई लोगों ने किसानों को बधाई दी थी और कहीं लोगों में उनके सपोर्ट में अच्छी तारीफ कि हे। जय नाम के शख्स ने लिखा कि टूट गया अभियान, जीत गया देश का किसान। ट्वीट पर 44000 हार्ट और 3500 से भी ज्यादा कॉमेंट आई है। आशुतोष ने लिखा इमर्जेसी के बाद यह सरकार के सामने डेमोक्रेसी की एक बडी जीत हे। वहीं राहुल गांधी ने भी अपने ट्वीट में लिखा कि देश के अन्नदाताओं ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया। जैसा कि राकेश टिकैत ने बताया जब तक यह कानून संसद से हटाया नहीं जाता तब तक वह किसान आंदोलन करते रहेंगे तो अब देखना यह रहा कि आज के फैसले के बाद कितने किसान आंदोलन के साथ जुड़े रहते हैं और कितने अपने परिवार और रोजगार की तरह वापस बढ़ते हैं।

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