कही बडे नामो ने किया हार का सामना तो कही नेताओ ने तोडे जित के रिकॉर्ड, विजय मिश्रा, राजा भइया, अभय सिंह, धनंजय सिंह, अमन मणि का नतीजा जान हरकोई हैरान

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आपको बता दे की सुशील सिंह चौथी बार विधानसभा पहुंचे हैं। उनकी पहचान पूर्वांचल के बाहुबली बृजेश सिंह के भतीजे के रूप मे  है। उन्होंने भाजपा के टिकट पर सैयदराजा से लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है। बाहुबली मुख्तार अंसारी खुद चुनाव से दूर रहे। मगर आपको जानके हैरानी होगी की उनका बीटा अब्बास अंसारी जो सुभासपा के टिकट पर मऊ सदर सीट से चुनाव लड़ा और अब पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं।

कुंडा मे अखिलेश कुंडी लगाने मे हुए नाकाम, राजा भइया ने गुलशन यादव को हरा के बनाया नया रिकॉर्ड

आपको बता दे की 1993 से लगातार राजा भैया कुंडा से जित रहे हे साथ ही बाबागंज की सीट पर बी उनके सहयोगी की जित होती हे. रघुराज प्रताप सिंह लगातार आठवीं बार विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुए हे।  सिंह बतौर निर्दल उम्मीदवार चुनाव लड़ते रहे है इस बार खुद की पार्टी जनसत्ता दाल के साथ चुनाव लडे. उनका नाम कही विवादो मै रहा हे.

विजय मिश्रा की हुई हार:

ज्ञानपुर सीट से चुनाव लड रहे बाहुबली वजय मिश्रा की हुई हार. वर्ष 2002 से लगातार विधायक रहे विजय मिश्रा इस बार चुनाव हार गए। वह जेल से चुनाव लड़ रहे थे। आपको बता दे की वर्ष 2017 में वह निषाद पार्टी से लड़े और जीत गए।

सुर्खियों मे रहे बाहुबली धनंजय सिंह की हुई हार

निर्दलीय जित से अपना करियर शरू करने वाले धंधानजय सिंह, बसपा से भी विधायक रहे हे इस बार वह JDU ने नाम पे इलेक्शन लड़ रहे थे और उनको लगातार दूसरी बार हार का सामना करना पडा। वह चुनाव मैदान में उतरने से पहले काफी विवादों में भी रहे। लखनऊ पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित किया था!  इस बार वह मल्हनी से वह चुनाव लड़े और हार गए। वही सुल्तानपुर के इसौली सीट से मोनू सिंह भी चुनाव मे हर का सामना करन पडा हे.
अमनमणि त्रिपाठी पूर्वांचल के दबंग नेता रहे अमर मणि त्रिपाठी के बेटे हैं। अमन मणि बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नौतनवां से पिछला विधानसभा चुनाव मे जीत दर्ज की थी थे। मगर इस बार उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव लडा और हरका सामना करना पडा. उनपर भी कही मुकदमे दर्ज हे!

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