ओलंपिक में भारतीय महिलाओं का दबदबा! भारत की जोली में एक और मेडल का इजाफा।

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मेरीकॉम के हारने के बाद बॉक्सिंग में मैडम मिलने की राह मुश्किल हो चुकी थी। मगर एक कम उम्र की महिला महज 23 वर्षीय लावलीना ने कमाल करके दिखाया है, ना सिर्फ अपना, अपने परिवार का पर आज लवलिना ने पूरे देश का नाम गर्व से ऊंचा कर दिखाया है। लावलीना आसाम के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

परिवारिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि अच्छी ट्रेनिंग या अच्छी पढ़ाई दे पाए। मगर परिवार ने हार नहीं मानी और लावलीना को किक बॉक्सिंग के लिए आगे बढ़ाया। लावलीना कुछ सालो तक किक बॉक्सिंग करते रहे उसके बाद बॉक्सिंग की तरफ आगे बड़े और फिर कमाल होना शुरू हो गया।

लवलीना दिन-रात बॉक्सिंग के प्रैक्टिस में जुड़ गए। माना जाता है कि दिन मे 10 से 12 घंटे तक लगातार प्रैक्टिस करती थी और उसने अपने डाइट का भी खूब ध्यान रखा। 2017 मे यानी जब 19 साल की थी तब उसने एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। 2018 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में शिरकत की और वहां पर भी कांस्य पदक जीता।

लावलीना यही नहीं रुके जब 2021 के ओलंपिक हुआ तो ओलंपिक में एक के बाद एक मैच जीत ते हुए आज सेमीफाइनल का मैच खेला। सेमीफाइनल का मैच बहुत ही रोचक था और तुर्की के बॉक्सर के बीच में एक बेहतरीन मुकाबला हुआ जिसमें लवलीना कुछ पॉइंट की वजह से हार गई, मगर लवलीना ने अपने लिए कास्य पदक जीत लिया।

यह हार के बाद लावलीना थोड़ी उदास सी पाएगीई। मगर इतनी छोटी सी उम्र में ओलंपिक जैसे बड़े गेम्स में कांस्य पदक जीतना कोई छोटी बात नहीं होती, लावलीना ने वह करके दिखाया है जो देश के करोड़ों लोग सपने देखते हैं। लावलीना पर पूरे देश को नाज है। छोटी सी उम्र में इतना बड़ा काम कर सकती है तो आगे आने वाले ओलंपिक में गोल्ड लेके आए उसमें कोई बड़ी बात नहीं। लवलीन की मेहनत और जज्बे को हमारी ओर से सलाम और आगे आने वाले भविष्य में देश का नाम ऐसे ही रोशन करते रहे।

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