अगर आप की भी है बैंक मे FD तो जान लीजिये ये जरुरी बात! वरना हो सकता हे भारी नुकसान

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हर कोई अपनी तनखवा का कुछ हिस्सा निवेश या बचत के तौर पर रखना चाहता हे. जिसे वह मुश्किल वक्त मे उपयोग मे ले सके. कल निवेश करने के बहोत सारे रस्ते खुल चूके है. कुछ लोग अपने बचत के पैसे शेयर मार्किट में तो कुछ लोग उसे सोने मे, PPF मे, म्युचुअल फण्ड मे सेव करते हे. मगर आज भी ज्यादा तर लोग सबसे पुराना रास्ता ही सेविंग के लिए आजमाते हे,  यानि की फिक्स डिपोजिट(FD).

पोस्ट ऑफिस और बैंक FD सबसे निवेश के लिए या बचत के लिए सबसे सुरक्षित निवेश की जगह हे. इसके कुछ फायदे भी है तो इसके कुछ नुक्सान भी होते है. FD हर उम्र के लोगो की पहली पसंद होती है, क्युकी इसमें जोखिम बहोत कम होता है. आज हम आपको FD से जुड फायदे और नुकसान के बारे में बताने जा रहे है.

कितने प्रकार की होती है FD? क्युमुलेटिव और नॉन क्युमुलेटिव FD 2 प्रकार की होती हे. इसमें तिमाही और सालाना व्याज मिलता हे. FD के फायदे: FD सबसे भरोसे लायक रास्ता है निवेश करने के लिए| FD में आपके निवेश की हुई राशी कम नहीं होती, बल्कि उस पर ब्याज बिलना निश्चित होता है. पिछले कुछ सालो से FD पे मिलने वाले व्याज मे कमी आई हे. FD मे से आप जरुरत पड़ने पर कभी भी पैसे निकल सकते हो.

आज कल तो नेट बैंकिंग के जमाने मे आप घर बेठे FD एकाउंट खुलवा सकते हो और उस मे से किसीभी समय पैसे निकाल भि सकते हो. आप इसमे से मासिक ब्याज भी ले सकते हो. इसमें बाजार के उतर चढ़ाव का असर नहीं पड़ता ह. FD पर ओवरड्राफ्ट लिमिट लेकर उसपर लोन भी ले सकते है.

FD के नुकसान: FD में अगर आपको 10000 से ज्यादा का ब्याज मिलता है तो आपको इसके ऊपर TDS भरना होता हे. हालाकि आप फॉर्म 15H और 15A का इस्तेमाल करके इससे बच्भी सकते है. FD में ब्याज सिमित होता है, जबकि म्युचुअल फंड और शेर मार्किट में रिटर्न असीमित होता है. आज कल के महंगाई वाले जमानेमे इतना कम ब्याज किसीके लिए कम भी हो सकता है. FD समय के पहले उठा लेते हो तो आपको इसके ऊपर पेनल्टी लगती है.

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