हेलीकॉप्टर हादसे के बाद जिंदा थे सीडीएस बिपिन रावत, बचावकर्मी ने बताया के आखिरी बार क्या बोले थे जनरल !

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कल तमिलनाडु में हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे में देश ने एक रत्न खो दिया है। बरहाल कल हुए हादसे के बाद कुछ देर तक सीडीएस जनरल बिपिन रावत कथित तौर पर हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद भी जीवित हैं। एमआई-17वी5 के मलबे से निकाले जाने पर उन्होंने अपने नाम का भी जिक्र किया। बताया जा रहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल एक सदस्य ने जानकारी लीक की है। जनरल रावत के साथ दूसरे हेलीकॉप्टर में सवार व्यक्ति को भी निकाल लिया गया। बाद में उसकी पहचान ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के रूप में हुई। समूह का कप्तान घटना का एकमात्र उत्तरजीवी है। उसका अभी भी इलाज चल रहा है।

धीरे से ने अपना नाम हिंदी में बताया

दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे एक वरिष्ठ दमकलकर्मी और बचावकर्मी एनसी मुरली ने कहा, “हमने दो लोगों को जिंदा निकाला।” उनमें से एक थे सीडीएस रावत। मुरली ने कहा, “जैसे ही हमने उसे बाहर निकाला, उसने हिंदी में गार्ड से धीरे से बात की और अपना नाम बताया।” अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। मुरली ने कहा कि वह तुरंत दूसरे व्यक्ति की पहचान नहीं कर सके जिसे अस्पताल ले जाया गया और उसका इलाज चल रहा था।

चादर में लपेट कर एंबुलेंस में ले जाया गया

मुरली ने कहा कि जनरल रावत ने कहा कि उनके शरीर के निचले हिस्से में गंभीर चोटें हैं। फिर उसे एक चादर में लपेटकर एम्बुलेंस में ले जाया गया। बचावकर्मियों को क्षेत्र में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यहां आग बुझाने का कोई साधन नहीं था। मुरली ने कहा, “हम आस-पास के घरों से पानी ला रहे थे।” ऑपरेशन इतना कठिन था कि लोगों को बचाने और शवों को निकालने के लिए हमें हेलीकॉप्टर के नुकीले टुकड़ों को अलग करना पड़ा।

पेड़ गिरने से बचाव कार्य में बाधा

मुरली ने कहा कि पेड़ के गिरने के कारण हमें इसे काटना पड़ा इस सब कारणों से हमारे बचाव अभियान में देरी हुई। उन्होंने कहा कि 12 शव निकाले जा चुके हैं। गंभीर रूप से घायल दो लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया। इसके बाद वायुसेना के जवान भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए। उनकी टीम उन्हें हेलीकॉप्टर के मलबे तक ले गई। वरिष्ठ दमकलकर्मी ने कहा कि हथियार मलबे के बीच गिरे। इसलिए हमें ऑपरेशन के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ी।

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