आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी महिमा अपरंपार है. हिमाचल प्रदेश मैं यह मंदिर स्थित है. इस मंदिर को जटोली शिव मंदिर कहा जाता है. इस जगह पर भगवान शिव ने वास किया था. ऐसा माना जाता है. यह मंदिर सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक है. इस मंदिर की ऊंचाई 122 फुट है.
मंदिर पर्वत की ऊंचाई पर होने से दर्शनार्थियों को चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. श्रावण के महीने में यहां पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन में बना है. मंदिर की ऊंचाई 111 फुट है, और इसके ऊपर 11 फुट का विशाल सोने का कलश विस्थापित किया गया है. यह मंदिर द्रविडियन संस्कृति से बनाया गया है. यहां पर एक जलकुंड भी है. जिसका जल कभी सूखता नहीं है. गर्मियों में अभी इस कुंड का जल सूखता नहीं है.
इस मंदिर की खासियत यह है कि, इस मंदिर के पत्थर में से डमरु की आवाज आती है. स्थानीय लोग मानते हैं कि, यहां पर भगवान शिव आकर रुके थे और जो आवाज पत्थरों से आती है, वह आवाज डमरु की है. इस मंदिर की दीवारों पर बहुत सारे देवी देवताओं की मूर्तियां उकेरी गई है. मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग स्थापित किया गया है. इसके साथ माता पार्वती की मूर्ति भी यहां स्थापित की गई है.
हिमाचल के जटोली शिव मंदिर का निर्माण का कार्य संत कृष्णानंद के मार्गदर्शन में शुरू हुआ था. साल 1974 में संत कृष्णानंद ने इस मंदिर की नींव रखी थी. 1983 में उन्होंने समाधि ले ली थी. जिसके बाद मंदिर के निर्माण का कार्य मंदिर की प्रबंधन कमेटी द्वारा संभाला गया था. इस भव्य मंदिर को बनने में 39 साल का समय लग गया था.
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