हर साल बढ़ती है इस चमत्कारिक शिवलिंग की ऊंचाई …. जाने कहा है यह शिवलिंग

Devotional

हिन्दू पंचाग के अनुसार अभी सावन का महिना चल रहा है. सावन का महिना सबसे पवित्र माना जाता है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते है। इस सावन के पवित्र महिने में हम आपको छत्तीसगढ़ में स्थित शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं .

पिछले कई सालों से लगातार शिवलिंग की ऊंचाई बढ़ रही है। अभी इस शिवलिंग 80 फीट ऊंचा और 230 फीट चौड़ा है, जो लगातार बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ समेत देशभर के शिव भक्तों की आस्था के समान यह शिवलिंग गरीबबंद जिला मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर है।

वर्षों से मरोड़ा गांव के घने जंगलों में बसे इस शिवलिंग के बारे में काफी लोग नहीं जानते लेकिन जैसे ही लोगों को इस चमत्कारिक शिवलिंग के बारे में पता चल रहा है वैसे ही भक्तो आस्था इस शिवलिंग के प्रति बढ़ने लगी। इस शिवलिंग का कद प्रशासन द्वारा पिछले कई वर्षों से प्रति नापा जाता है। उनके रेकॉड के हिसाब से हर साल शिवलिंग करीब 6 से 8 इंच बढ़ता है.

उल्लेखनीय है की इस मंदिर में शिवरात्रि और सावन के सोमवार के दिन हजारो की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए यहाँ आते है। पिछले कुछ सालोमे में शिवरात्रि और सावन के महीने में आने वाले भक्तो की संख्या 20 हजार से ज्यादा हो गई है। इस मंदिर को भगवान भूतेश्वर नाथ के नाम से जाना जाता है, जहां शिवरात्रि और सावन के सोमवार को पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किया जाता है। भकतो का मानना है कि इस मंदिर के दर्शन करने से मात्र मनोकाम की पूर्ण होती है.

कहा जाता है कि कई सालो पहले जब जमीनदार प्रथा थी तब पारा गांव की निवासी शोभा सिंह अपनी जमीन में खेती करते थे. शाम को जब भी शोभा सिंह पहाड़ी के पास मैदान में जाते, तो उन्हें बैल की आवाज और शेर की दहाड़ सुनाई देती थी। शोभा सिंह ने यह बात दूसरे ग्रामीणों को भी बताई, दूसरे गाववालोने भी माना के उन्होंने भी यहां ऐसी आवाजें सुनी हैं।

फिर ग्रामीणों इकठ्ठा हो के एक बैल और एक शेर की तलाश में जंगल में पहुंच गए , लेकिन उन्हें शेर या बेल दोनों में से कुछ भी नहीं मिला।फिर अचानक सबको एक शिवलिंग के आकर का कुछ नजर आया तोह सभी गांववाले उसके नजदीक गए और तब से लोगों ने इसे शिवलिंग के रूप में स्वीकार किया है। महादेव में उनकी आस्था तबसे बढ़ती जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *