आज पूरा देश और पूरी दुनिया प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग की वजह से परेशान है। आज पूरी दुनिया एक होकर प्रदूषण के खिलाफ लड़ने के लिए नए नए प्रयोग आजमा रहे हैं। कहीं देश सोलर पैनल, विंड फार्म जैसी रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। वहीं ऑटो सेक्टर में भी इलेक्ट्रिक कार को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत के आम लोग कि आज प्रदूषण को रोकने के लिए और पेट्रोल डीजल बिजली के महंगे दामों से छुटकारा पाने के लिए नए प्रयोग करते रहते हैं.
ऐसा ही आविष्कार आज हरियाणा के किसान जिज्ञासु लक्ष्मण सिंह ने किया है। उन्होंने ऐसा यंत्र बनाया है जिसमें बिजली की जरूरत नहीं पड़ती और वह बिजली पैदा करने में सक्षम है. उन्होंने इस यंत्र का नाम रखा है हरिहर हरियाणा। उन्होंने अपनी समझबूझ से पहले भी लोगों को चौंकाया है। उनके नाम पर 3 पैटर्न है और दो कॉपीराइट भी है। उन्होंने एक संयंत्र बनाया है इस संयंत्र से 2 हॉर्स पावर की मोटर भी चलाई जा सकती है। उनका डिजाइन पटियाला विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियर से जांच करवाई तो उन्होंने यह डिजाइन को अद्भुत इंजीनियरिंग बताया.
आइए जानते हैं यह यंत्र कैसे काम करेगा। उन्होंने बताया कि या यंत्र लीवर नुमा यंत्र है। यानी कि इस यंत्र में लीवर को एक मिनिट तक ऊपर से नीचे की तरफ गिराया जाएगा जिस वजह से लीवर से जुड़ी रोड गुमेगी और आखरी चोड पर लगे गेर गुमेगे। इस तरीके से क्विंटल का बल पैदा होगा इसी प्रकार गियर बॉक्स ए सॉफ्ट को जोड़ते हुए उसे लंबी सॉफ्ट से जोड़ा जाएगा। इस प्रकार से जनरेटर से जोड़ दिया जाएगा जिस वजह से एक ही समय में इसमें 5 जनरेटर को जोड़कर उन से बिजली पैदा की जा सकती है.
लक्ष्मण सिंह की आर्थिक हालत खराब है, जिसके चलते वह इसमें ज्यादा निवेश नहीं कर पा रहे हैं, मगर उनकी देशभक्ति की भावना को देखते हुए हमें लगता है कि उन को कोई ना कोई निवेशक मिल ही जाएगा। उन्होंने बताया कि इस यंत्र की भारी मांग है मगर विदेश में वह बेचना नहीं चाह रहे है, अगर वह यह पैटर्न विदेश में बेच देंगे तो उसे भारत का ही नुकसान होगा ऐसा सोच कर लक्ष्मण सिंह इस पैटर्न को बेच भी नहीं रहे। इस यंत्र को बनाकर सबसे पहले हरियाणा और भारत के युवाओं को सौंपना चाहते हैं! उन्होंने बताया कि उनको करोडो कि ऑफर मिल चुकी है। मगर उ नहाने अपनी पेटर्न बेचने से मना कर दिया है। अगर उनके शिक्षा की बात करे तो वह सिर्फ सातवी कक्षा तक ही उन्होंने पढ़ाई की है। यह खोज की वजह से प्रधानमंत्री कार्यालय से भी उनको प्रशस्ति पत्र मिल चुका है.