सूर्यग्रहण व शनि अमावस्या एक ही दिन, जानें शनिदेव को कैसे करें प्रसन्न व शनिदोष से मुक्ति के सरल उपाय

Rashifal

30 अप्रेल को इस साल वैशाख अमावस्या है. वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि की अमावस्या कहा जाता है. इस साल 30 अप्रेल यानी की वैशाख अमावस्या के दिन ही पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. शनिवार के दिन जो अमावस्या पड़ती है उसे शनिचरी अमावस्या भी कहते है. वैशाख महीने की यह अमावस्या शनिवार कोही है. शनिचरी अमावस्या के दिन आप कई तरह के उपाय कर सकते है.

अगर आपको शनि देव को प्रसन्न करना है तो यह दिन आपके लिए सबसे अच्छा दिन है. क्योकि इस दिन शनिचरी अमावस्या भी है और इस दिन सूर्यग्रहण भी होने वाला है. अगर आप शनि दोष से मुक्ति पाना चाहते है तो यह दिन आपके लिए सबसे अच्छा दिन साबित हो सकता है. अगर आपपर शनि की साढ़ेसाती या फिर शनि की ढलाई चल रही है तो इस दिन पूजा करके आप विशिष्ट कृपा पा सकते है.

शनि देव की कैसे करे पूजा?

शनिवार के दिन स्नान करके सबसे पहले व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए. अब आपको शनि मंदिर जाकर उसकी साफ़ सफाई करनी है. साफ़ सफाई करने के बाद शनि देव को सरसों के तेल में काले टिल मिलकर विधिवत पूजा करनी है. उसके बाद शनि देव को नील रंग के पुष्प अर्पित करने होंगे. शनि मंत्रो का जाप करना चाहिए. और पूजा को पुरे विधि विधान से करना चाहिए. अगर आपको इसमें पता नहीं चलता है तो किसी विशेषज्ञ की सलाह जरुर ले.

शानिदोश के कैसे मुक्ति पाए?

शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ उपाय है. सूर्यास्त के बाद पीपल के पास दीपक जलाना चाहिए. शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए और पूजा करनी चाहिए. पीपल के पेड़ को जल अर्पित करे और उसके बाद सात परिक्रमा करे. शनिवार के दिन जरूरतमंद लोगो को तेल का दान करना चाहिए. हनुमानजी को सिंदूर और चमेली के पुष्प चढाने चाहिए और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.

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