शारीरिक दिव्यांगता भी इरा सिंघल के हौसले को नही जुका पाई, कड़ी मेहनत से पूरा किया सपना और बनी IAS

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अगर सही मायनो मे किसी लक्ष पे कड़ी महेनत और बुलंद हौसले से काम किया जाये तो आपको सफल होने से कोई नहीरोक सकता इसी बात को सिद्ध करती हे इरा सिंघल। इरा सिंघल यूपीएससी (UPSC) की सामान्य श्रेणी मे अग्रीण क्रम से IAS बानके युवाओं के लिए प्रेरणा बनी। शारीरिक दिवांग होनेके बावजू उन्होने कभी अपने आप को दुसरो से कम नही समजा और कडी महेनत करती रही.

IAS इरा सिंघल (IAS Ira Singhal) है। जिन्होंने अपनी शारीरिक अक्षमता (Physical disability) को कभी भी अपने सपने के बीच नहीं आने दिया। जैसा की हम UPSC और IAS की एग्जाम कितनी मुश्किल होती हे. इसमें उत्तीर्ण होने के लिए प्रतिबद्ध, समर्पित और कड़ी मेहनत की जरूरत पडती थी. ऐसे मे शारीरिक, अवं कार्यक्षम लोग भी बहाने बनाते हे ऐसे मे शारीरिक अक्षमता होने के बावजूद इरा जी ने हार मानने से मना कर दिया और कड़ी महेनत मे जुड गए.

उनका बचपन मेरठ में रहा. बाद में उनका पूरा परिवार दिल्ली आकर बस गया। कहा जाता हे की जब इरा 7-8 साल की थी तो मेरठ में दंगों के कारण कई दिनो तक कर्फ्यू लगा तब उन्होने लोगो से सब DM साब के हाथ मे हे वही अब इसे कण्ट्रोल कर सकते हे। तभी से उन्होंने सोच लिया था कि वो एक दिन डीएम बनेंगी। बस तभी से उन्होने कडी महेनत करना शरू कर दिया.

सबसे पहले उन्हो ने ग्रेजुएशन की डिग्री ली उसके बाद उन्होने MBA की डिग्री ली। फिर स्ट्रैटेजी मैनेजर के तौर पर काम किया। वह एक के बाद एक पहाड चड रही थी. इस जॉब से वो खुश नही थी क्यों की उनका सपना तो IAS अधिकारी बनने का था. उन्होने साथ मे UPSC की तयारी चालू कर दी. साल 2010, 2011 और 2013 में भी UPSC की परीक्षा दी, तीन प्रयास करने के बाद उन्हे IRS की पोस्टिंग मिली। मगर आपको जानके हैरानी होगी की शारीरिक रूप से अक्षम होने के कारण उन्हें इस पोस्ट को ज्वाइन नहीं करने दिया।वह कोर्ट गई और कोर्ट मे जीत दर्ज करने के बाद उन्हें पोस्टिंग मिली। यही सफर या कहानी खत्म नही होती उन्होने साल 2014 मे फिर से IAS के लिए प्रयास किया और सफलता हासिल की. उनकी महेनत रंग लायी और उन्होंने साबित कर दिखाया की अगर आप का हौसला बुलंद हो तो आप कुछ भी कर सकते हे.

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