हमारे देश की सीमाओं की रक्षा हमारे जवान करते है,हमारे देश की रक्षा करते हुए अक्सर जवान देश के नाम अपनी जिंदगी कर देते है। हमने अक्सर खबरों मे पढ़ते है के बॉर्डर पर मुठभेड़ में भारत के जवान शहीद हो गये। देश के लिए अपनी जान क़ुरबान करने वाले कई जावन ऐसे होती है के जिनकी भर्ती ही अभी अभी हुई हो , कुछ जवान ऐसे भी होते है जिनकी शादी हाल ही में हुई हो और कुछ जवान ऐसे भी होते है जो अभी बाप बने हो।
यह सभी जवान अपने और परिवार के बारे में बिलकुल भी सोचे बिना देश के नाम अपनी जिंदगी कर देते है। आज हम आपको एक ऐसी ही सच्ची घटना के बारे में बताने वाले है जिसे पढ़कर आप दिल से भारतीय वीर जवान की शहीद पत्नी को सलाम करेंगे। हम बात कर रहे है लांस नायक और वीर चक्र विजेता दीपक सिंह के बारे में जिन्होंने आज से दो साल पहले गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी रेखा सिंह ने उनके सपने को पूरा किया।
बतादे के लांस नायक शहीद दीपक सिंह की पत्नी रेखा ने शादी के महज 15 महीने बाद ही पति को खो दिया था। शादी के पहले रेखा एक टीचर थी और वह टीचर बनकर समाज में सेवा करना चाहती थी लेकिन उनके पति हमेशा से उनको सेना में अफसर बनने के लिए प्रेरित करते थे। रेखा सिंह भी पति की प्रेरणा पर चल रही थीं।
पति की शहादत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें शिक्षाकर्मी वर्ग दो पद पर नियुक्ति दे दी थी। उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपना दायित्व निभाया, लेकिन उनके मन में सेना में जाने की इच्छा बनी रही। उन्होंने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से इस संबंध में चर्चा की। रेखा सिंह को जिला प्रशासन और जिला सैनिक कल्याण कार्यालय ने मदद की और वे आज लेफ्टिनेंट हैं।
बतादे के शहीद दीपक सिंह की पत्नी रेखा भी लेफ्टिनेंट बन गई हैं। वे 28 मई से शुरू हो रही ट्रेनिंग के लिए चेन्नई जाएंगी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैंने अपने पति के सपने को पूरा किया है। वे चाहते थे कि मैं अधिकारी बनूं. उनकी शहादत के बाद मैंने इस सपने को पूरा करने का संकल्प लिया था। लेफ्टिनेंट रेखा ने बताया कि इस संकल्प को पूरा करने में उनके मायके और ससुराल ने पूरा सहयोग दिया।