विवाह जीवन में आ रही है बाधाये तो शास्त्रों के अनुसार कर दीजिये यह पांच व्रत बन जाएगी शिव -पार्वती और राम -सीता जैसी जोड़ी

Devotional

पति-पत्नी के बीच एक दूसरे के प्रति परस्पर प्रेम और विश्वास होना बेहद जरूरी होता है। प्रेम और विश्वास यह दोनों किसी ही रिश्ते के लिए बहुत अहम् होते है यह दोनों चीजों से ही रिश्ता टिकता है। पति-पत्नी अपने साथ और सहयोग से अपना वैवाहिक जीवन मजबूत बनाते हैं। लेकिन कई बार छोटी-छोटी बातों से भी रिश्ते में कड़वाहट आ जाती है, जिसके कारण दांपत्य जीवन में दूरियां आने लगती हैं।

आपको बतादे के शास्त्रों में करवा चौथ के व्रत के अलावा भी कुछ ऐसे व्रतों का उल्लेख किया गया है जिसे करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती हैं। इन व्रतों के प्रभाव न केवल वैवाहिक सुख मिलता है बल्कि घर में सुख-शांति और खुशहाली भी आती है। तो जानिए इन व्रत के बारे में-

अशून्य शयन व्रत

हिंदू पंचांग के मुताबिक, अशून्य शयन व्रत कोई रखना चाहे तो वह चातुर्मास की द्वितीया तिथि को रख सकता है। इस व्रत में आपको भगवान विष्णु और धन के देवी माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी होती है। यह व्रत करने से पति और पत्नी के बीच की दूरियां कम होती है और घर में सुख-शांति आती है।

मंगला गौरी व्रत

मंगला गौरी व्रत माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। यह व्रत में भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। जिस तरह से सावन के सोमवार को भगवान शंकर की पूजा की जाती है, बस उसी तरह से सावन के मंगलवार को माता पार्वती की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे माता पार्वती प्रसन्न होती है और मान्यता है कि माता पार्वती की कृपा से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

करवा चौथ

हिन्दू पंचांग के मुताबिक करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। यह व्रत पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती और उस दिन पत्नी पानी तक ग्रहण नहीं करती मतलब के निर्जला व्रत रखती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं।

वट सावित्री व्रत

हिन्दू पंचाग के मुताबिक ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस दिन पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं। इस व्रत करने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलने की मान्यता है। वट सावित्री व्रत में वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस वृक्ष में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का निवास होता है और वह तीनो देवताओ का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

वैभव लक्ष्मी व्रत

वैभव लक्ष्मी व्रत धन की देवी माता लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। आपको बतादे के यह व्रत को पति-पत्नी भी रख सकते हैं। धार्मिक मान्यता अनुसार इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन और मजबूत होता है और घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है और घर में माँ लक्ष्मी का निवास होता है। मां लक्ष्मी की कृपा से वैवाहिक और आर्थिक समस्याएं खत्म हो जाती हैं।

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