वसूली के डर से राशन कार्ड सरेंडर करने दौड़े चले आए लोग, जानें पूरा मामला

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उत्तरप्रदेश में चुनाव से पहले लोगो को फ्री राशन मिला लेकिन जैसे ही चुनाव खतम हो गए उसके बाद ऐसी अटकले लगाई जा रही थी के अब फ्री राशन मिलना बंध हो जाएगा लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं उसके बाद भी राशन मुफ्त में मिलता रहा। फिर उसके बाद खबर आयी के अब जून तक ही मिलेगा फ्री राशन , लेकिन उत्तरप्रदेश में खबर की लहेर ऐसे चली है जिससे लोग अपना राशन कार्ड सरेंडर कर रहे है।

बतादे के उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से राशन कार्ड को लेकर कई अफवाहें फैलाई जा रही हैं। अपात्रों से राशन कार्ड सरेंडर कराए जाने और न कराने पर वसूली की चेतावनी की गूंज इन दिनों पूरे यूपी में है। मुफ्त राशन योजना का लाभ उठाने वाले अपात्र लोगों से इसकी वसूली के लिए जारी कथित शासनादेश के बाद बड़ी तादाद में लोग अपने कार्ड वापस कर रहे हैं।

गाजियाबाद में महज 15 दिन के भीतर ही 6,500 लोगों ने अपने राशन कार्ड जमा करा दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, नौ मई को जिला पूर्ति अधिकारी के कथित आदेश में 24 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और 32 रुपये की दर से चावल की वसूली करने को कहा गया था। इसी के डर से लोगों में राशन कार्ड वापस करने की होड़ मच गई। गाजियाबाद के खाद्य आपूर्ति विभाग के दफ्तर में कई दिनों से राशन कार्ड वापस करने वालों का तांता लगा हुआ है।

राशन कार्ड के लिए वह लोग अपात्र होंगे जो आयकरदाता हो, घर में एसी, चार पहिया गाड़ी, एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस हों, 5 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि हो, परिवार की सालाना आय गांव में दो लाख, शहर में तीन लाख हो, जिनकी खुद की कोई जमीन हो, पक्का मकान हो, भैस, बैल, ट्रैक्टर ट्रॉली हो, मोटरसाइकिल हो, मुर्गीपालन और गौ पालन करता हो, शासन की ओर से कोई वित्तीय सहायता मिलती हो या बिजली का बिल आता हो।

आपको बतादे के फ़िलहाल उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड सरेंडर कराने का कोई आदेश नहीं दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक के मुताबिक, खाद्य एवं रसद आयुक्त के उच्च अधिकारी ने कहा है कि राशन कार्ड सरेंडर करने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। राशन कार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है। इसलिए न तो कार्ड निरस्तीकरण और न ही रिकवरी के लिए कोई आदेश जारी हुआ है।

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