लॉकडाउन ने छिनी नौकरी तो भी हिम्मत नहीं हारा ग्रेजुएट, ठेले पर बेचने लगा आम-तरबूज

News

कोरोना वायरस ने देश की हालत कमजोर कर दी हैं। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन एक जरूरी कदम हैं। हालाँकि इस लॉकडाउन की वजह से देशभर में लाखों लोगों की नौकरियां छीन गई हैं। कईयों को वेतन समय पर नहीं मिल रहा हैं तो कुछ को नौकरी से निकाल दिया गया हैं। वहीं धंधे पानी करने वाले लोग भी घर खाली बैठे हैं। ऐसे में दिल्ली-NCR में रहने वाले हजारों बेरोजगार अब फल और सब्जी बेच गुजारा कर रहे हैं। इसकी एक वजह ये भी हैं कि फल और सब्जी बेचने पर कोई पाबंदी नहीं हैं।

गाजियाबाद के वैशाली इलाके में रहने वाली 35 वर्षीय रुखसार पहले अपार्टमेंट्स में खाना बनाने का काम किया करती थी। लॉकडाउन के चलते रुखसार को कोई भी खाना बनाने अपने घर नहीं बुला रहा हैं। ऐसे में वो अब उन्हीं अपार्टमेंट्स के सामने सब्जी बेचने का काम कर रही हैं। रुखसार का कहना हैं कि सरकारी राशन के लिए घंटों लाइन में लगने से बेहतर हैं कि मेहनत करो। आज मैं सब्जी बेच इज्जत की जिंदगी तो जी रही हूँ। रुखसार चार बच्चों की माँ हैं. उनके सभी बच्चे अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ रहे हैं।

फैजान एक ग्रेजुएट हैं। फैजान दक्षिणी दिल्ली के मूलचंद इलाके में आम – तरबूज बेचने को मजबूर हैं। वे पहले डीएलएफ साइबर हब मॉल में गार्ड की जॉब करते थे। उन्हें 16 हजार रुपए की सैलरी भी मिला करती थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से मॉल बंद हो गए। ऐसे में फैजान की नौकरी भी हाथ से चली गई। फैजान बताते हैं कि अब दो टाइम के खाने पिने का बंदोबस्त तो सरकार की मदद से हो जाएगा लेकिन जो मकान का किराया हैं, बिजली का बिल हैं। बच्चों की फ़ीस और किताबों का खर्च हैं उसकी पूर्ति कहाँ से होगी। यही वजह हैं कि फैजान ने अपने भाई से पांच हजार रुपए उधार लिए और मूलचंद हॉस्पिटल के सामने ठेला लगाकर आम और तरबूज बेचने लगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *