रतन टाटा ने कहा जीवन के आखरी साल स्वास्थ के लिए समर्पित करूँगा, इसके पीछे की बडी वजह आई सामने

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भारत के रत्न ऐसे रतन टाटा को देश का हर तब्का बड़े सन्मान के भाव से देखता हे. चाहे वह गरीब हो आमिर हो, किसी भी धर्म से हो या कोई भी जाती से हो वह शायद ही रतन टाटा के बारे मे नकारात्मक सोच रखता हो. रतन टाटा का परिवार पिछले 150 सालो से बिसनेस से जुडा हुआ हे और भारत को मजबूत करने मे एहम भूमिका निभाई हे. टाटा ग्रुप ने देश के लिए जितना किया हे शायद ही किसी बिसनेस यूनिट मे किया हो. टाटा आज भी अपनी कमाई का 66% हिस्सा देश को समर्पित कर देता हे.

टाटा ट्रस्ट के सहयोग से बने 7 हाईटेक कैंसर सेंटर्स का उद्घाटन असम में पीएम मोदी और रतन टाटा ने किया। अपने सरल स्वाभाव और नेक विचारो के लिए जाने जाने वाले रतन टाटा ने भी इस कार्यक्रम मे छोटी सी बात कही मगर वह शब्द देश के हर नागरिक के दिल को छू गए. इस कार्यक्रम के दौरान रतन टाटा ने कहा मे हिन्दी मे तो नही बोल पाउँगा मगर जो भी बोलूंगा दिल से बोलूंगा और आगे बताया उनका बचा हुआ जीवन वह स्वास्थ को समर्पित करेंगे.

केंसर से जज रहे असम मे विश्वस्तरीय हॉस्पिटल बनके लाखो लोगो के जीवन को बदल ने का काम किया हे. टाटा परिवार सदियों से गरीबो के लिए हर संभव कोशिश करता आया हे. केंसर हॉस्पिटल का सपना तक़रीबन 100 साल पुराना हे जिसे आज भी टाटा परिवार पूरा करने की हर संभव कोशिश करता अय्या हे.  आपको बता दे की 1932 में ल्यूकेमिया यानी खून के कैंसर की वजह से लेडी मेहरबाई टाटा ने दुनिया को अलविदा कहै था.

उनका इलाज विदेशी हस्पताल मे चल रहा था. महँगा इलाज देख दौरभ जी ने फैसला किया की भारत के गरीब वर्ग को भी वह ऐसी भयानक बीमारी के सामने लड़ने के लिए हर सभव मदद करेगे। उन्होंने टाटा मेमोरियल का सपना देखा। जो JRD टाटा की कोशिशों के बाद सफल हुआ. 1957 मे यह हस्पताल सरकार ने अपने हस्तक लिया था. आज यह हस्पताल 600 बेड और 15000 स्कार्फ़ुट मे हे.

वही कोलकाता मे मौजूद टाटा मेडिकल सेंटर मे मौजूद 300 बेड मे  से आधे बेड गरीबो को समर्पित हे. जिसका पूरा खर्च टाटा कम्पनी उठाटी हे. महामारी के वक्त भी टाटा ग्रुप ने पहले 1500 करोड तो उसके बाद भी कही सो करोड और जरुरी सामान की मदद कर देश को कमजोर नही पडने दिया. आज रतन टाटा 84 साल के हो गए हे उनकी आवाज मे कमजोरी देख कही लोग भावुक हुए. मगर जब उन्होंने बोलना शरू किया तो उनका हर शब्द देश को समर्पित था, देश  के लिए यह जज्बा देख हर कोई उनकी तारीफ करते नही रुका।

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