रतन टाटा के शब्दो ने सबकी आंखे नम की, कहा आज मे जो भी बोलूंगा दिल से बोलूंगा, मे अपना बचा हुआ जीवन इस कार्य मे करूँगा समर्पित

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रतन टाटा एक कामियाब बिज़नेसमेन के साथ साथ अपने लोक सेवा के कार्यो के लिए भी जाने जाते हे. दुनिया के सबसे बडे ग्रुप मे से एक यानि की टाटा ग्रुप को मजबूत बनाने मे रतन टाटा का महत्वपूर्ण भाग हे. टाटा ग्रुप का जो भी प्रॉफिट होता हे उसमे से 66% पैसा तो सिर्फ लोक कार्यो मे खर्च कर दिया जाता हे. महामारी के वक्त भी रतन टाटा ने आगे आके हजारो करोड का दान किया था. रतन टाटा को भारत मे शायद ही कोई नफ़रत करता हो उनको हर धर्म, हर समाज के लोग बडे ही सन्मान के साथ देखते हे.

असम मे कैंसर हॉस्पिटल के उट्घाटन मे असम के CM,रतन टाटा और पीएम मोदी ने स्टेज साजा किया। इस मौके पर पीएम मोदी और रतन टाटा दोनों ने कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने असम के लिए 7 नए कैंसर अस्पतालों की आधारशिला रखी और 6 कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया। आपको बता दे की यह हस्पतालो मे टाटा ट्रस्ट की एहम भूमिका हे. इनसब के बिच रतन टाटा के भाषण ने सबका ध्यान अपनी तरफ खीचा।

सरल स्वाभाव के रतन टाटा ने संबोधित करते हुए माफी मांगी और कहा वह हिंदी नहीं बोल पाएंगे अपनी बात अंग्रेजी मे करूँगा मगर जो बोलूंगा दिल से निकला हुआ शब्द होगा। रतन टाटा की यह बातो ने सबका दिल जित लिया। उम्र की वजह से रतन टाटा कमजोर नजर आ रहे थे. मगर अपने आखिरी समय मे भी देश को मजबूत बनाने के लिए कटिबद्ध थे.

उनकी आवाज मे एक थरथराहट थी और वे रुक-रुककर बोल पा रहे थे, उन्होने कहा अपनी जिंदगी के आखिरी साल वह स्वास्थ्य को समर्पित कर रहे है. देश बिमारिओ से दूर रहे हर व्यक्ति को हस्पताल मिल सके उसके लिए वह काम कर रहे हे. टाटा ने कहा यह हॉस्पिटल विश्वस्तरीय बनाई हे. असम को विश्वस्तर पर कैंसर का इलाज प्रदान करने के लिए जाना जाएगा। अस्पताल आपकी सेवा के लिए जरूर हैं, मगर मुझे और खुशी तब होगी जब ये खाली ही रहे। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी ताली बजाकर उनके स्पीच की प्रशंसा की। सही मायने मे रतन टाटा भारत के रत्न हे. ऐसे महान लोगो से ही अपना देश महान कहलाता हे.

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