इतिहास को संरक्षित करने की मनुष्य की जिज्ञासा उसे इस क्षेत्र में खोज करने के लिए प्रेरित करती है। अगर आजके समय में किसी को पुरानी चीज मिल जाती है तो वह किसी ‘खजाने’ से कम नहीं होती। ऐसा बहुमूल्य ‘खजाना’ हमें इतिहास से परिचित कराता है। ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित एक पत्थर की खदान में हुआ।
टीकमगढ़ जिले से लगभग 35 किलोमीटर दूर नंदनवाड़ा गांव में एक पत्थर की खदान में खुदाई के दौरान प्राचीन सिक्कों से भरा एक बर्तन मिला है। जिस पर उर्दू में कुछ लिखा हुआ माना जाता है। इस प्राचीन बर्तन में कुल 164 सिक्के मिले हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह जब यहां मजदूरों द्वारा खुदाई की जा रही थी तो जमीन में एक मटका दबा मिला। जब उसने सावधानी से बर्तन को हटाया, तो उसे प्राचीन सिक्कों का खजाना मिला। स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना देने से पहले वह जिला खनन अधिकारी प्रशांत तिवारी एम की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। हालांकि, गांव में खुदाई के दौरान खोज की खबर मिली और स्थानीय लोगों की भीड़ सहित आसपास के गांवों के लोग घटनास्थल पर पहुंचे। प्राचीन मटके में 12 चांदी और 152 तांबे के सिक्के मिले हैं।
जिला खनन अधिकारी एवं टीम ने प्राचीन मटके सहित सिक्कों को सुरक्षित ओरछा स्थित पुरातत्व एवं कोषालय विभाग में जमा करा दिया है। पुरातत्व विभाग इन प्राचीन सिक्कों की जांच व अध्ययन करेगा। जिला कलेक्टर के अनुसार लगभग मुगल काल का यह सिक्का इतिहास को समझने में मदद कर सकता है। उनके अनुसार ऐतिहासिक स्थल ओरछा नंदनवाड़ा से करीब 55 किमी दूर है।
बुंदेलखंड का यह इलाका 16वीं और 17वीं सदी में मुगल साम्राज्य का अहम हिस्सा था। इतिहास के अनुसार जब ओरछा के राजा जुजर सिंह मुगल शासन के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, तब शाहजहां ने औरंगजेब के नेतृत्व में उनके खिलाफ यहां एक बड़ी सेना भेजी थी। ओरछा यहां स्थित राजा राम मंदिर के लिए जाना जाता है, जो अब निवाड़ी जिले में आता है।