“जाको रखे साइया, मार शके न कोई” कहावत तो आपने सुनी ही होगी. इसका मतलब यह होता है की जिसको साईं रखते है उसे कोई मार नहीं सकता. हमारे जीवन में कम बारही इसी घटनाये सुनने को मिलती है. इसी घटना के सामने आनेसे हम यकीन नहीं कर पाते. क्यों ऐसी घटना चमत्कार से कम नहीं होती. आज जो घटना की बात कर रहे है वह घटना एक बच्ची की है. वह बच्ची अपने घरसे जंगल की और खो गई थी. 3 दिन बाद जब मिली तो आप यकीं नहीं कर सकेंगे की उसके साथ क्या हुआ था.
जिस जंगल में बच्ची खो गई थी उस जंगल में कई जंगली जानवर भी रहते है. बच्ची 2 रात और 3 दिन बाद मिली. सब लोगो ने उसके मिलने की आशा छोड़ डी थी. सब समाज रहे थे की जंगली जानवर उसे खा जायेंगे. लेकिन बच्ची 3 दिन बाद मिलही गई.
यह वाकिया रशिया के स्मोलेस्क इलाके के ओम्बिस्क विस्तार का है. बच्ची अपनी मा के साथ पार्क में खेल रही थी. बच्ची का नाम ल्युडा है. बच्ची की उम्र सिर्फ 22 महीने की है. वह थोड़े महीने पहले ही चलना सीखी थी. बच्ची को पार्क में खेलते खेलते कब जंगल में चली गई माँ को पता नहीं चला. ल्युडा के माता पिता ने उसको आसपास बहोत धुंध लेकिन नहीं मिली. उनको अंदाजा आ गया था की बच्ची जंगल में चली गई है. उस जंगल में भालुओ और भेडियो की संख्या भारी मात्रा में है.
बच्ची नहीं मिलने पर उसकी मा ने शोर मचाना चालू कर दिया. आस पास के लोगो साथ में जुड़कर बच्ची को जंगल में धुन्धने लगे. तक़रीबन 500 लोगोने बच्ची को खोजनेकी कोशिश की लेकिन बच्ची 3 दिन तक नहीं मिली. सभी ने आशा छोड़ दीथी की बच्ची अब नहीं मिलेगी. उसे जंगली जानवर खा गए होंगे. लेकिन खोजी दस्ते ने सर्च ओपरेशन चालू रखा.
अचानक बच्ची की रोनेकी आवाज सुनाई दी. खोजी दस्ता वहा तक पंहुचा और बच्ची को वहासे हॉस्पिटल ले गया. बच्ची को पुरे शारीर पर कीड़े मकोडो में काटा हुआ था. बच्ची पिछले 3 दिन से कुछ खाए बिना ही आया वहा भटक रही थी. जहासे बच्ची खो गई थी वहासे तकरीबन 5 किलोमीटर दूर बच्ची मिली.
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