भगवान विष्णुका जन्म ऐसे हुआ था, गुरुवार को करे इनकी ऐसे पूजा..

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भगवान विष्णु को देव में सबसे सर्वोपरि दिन आ गया है. ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों देवता हिंदू धर्म में सबसे उच्च देवता गिने जाते हैं. आज हम आपको इस लेख भगवान विष्णु का जन्म कैसे हुआ? भगवान विष्णु की पूजा कैसे करनी चाहिए? वह सब बताने जा रहे हैं.

भगवान विष्णु की पूजा कैसे करें?

गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है. ऐसा माना जाता है कि गुरुवार के दिन की गई पूजा भक्तों को सबसे अधिक लाभ देती है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार गुरुवार के दिन विष्णु भगवान की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन की सभी मुश्किलें दूर होती है.

भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए गुरुवार के दिन सूर्योदय होने से पहले उठ जाना चाहिए. उसके बाद स्नान करना चाहिए और स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए. तत्पश्चात आपके घर के मंदिर के सामने एक पाटले पर शुद्ध और स्वच्छ कपड़ा रखना चाहिए और उसके ऊपर भगवान विष्णु की प्रतिमा रखनी चाहिए. भगवान विष्णु को पीली चीज वस्तु बहुत प्रिय होती है. इसीलिए भगवान विष्णु की पूजा के समय पीले फूल और फल चढ़ाने चाहिए. उसके बाद भगवान विष्णु के सामने धूप और दिया जलाना चाहिए और उसके बाद भगवान विष्णु की आरती करनी चाहिए. अगर आपके पास भगवान विष्णु की प्रतिमा ना हो तो आप केले के पेड़ की भी पूजा कर सकते हो. क्युकी वह पेड़ की पूजा करना अच्छा माना जाता है.

भगवान विष्णु की उत्पत्ति कैसे हुई थी?

शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव जी ने भगवान विष्णु की रचना की थी. एक बार शिव जी को मां पार्वती ने कहा था कि कोई ऐसा होना चाहिए जो पूरे ब्रह्मांड को अच्छे से रख सके. शिवजी की शक्ति से भगवान विष्णु प्रकट हुई. वह अजर थे कमल जैसे नयन चतुर्भुज थे. हर जगह पर व्यापक होने से उनका नाम विष्णु रखा गया.

भगवान विष्णु ने भगवान शिव जी की तपस्या की लेकिन भगवान शिव प्रसन्न नहीं हुए. फिर से उन्होंने तपश्चार्य की इस तपस्या के दौरान उनके शरीर में से पानी का प्रवाह बहने लगा. इसीलिए उनका नाम नारायण रखा गया. उसके बाद ही सभी तत्वों की उत्पत्ति हुई.

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ऊपर बताई गई जानकारी धार्मिक आस्थाओं और अलौकिक मान्यताओं पर आधारित है जिसे मात्र लोगों की रुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है

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