बस आने वाला है सुहागन औरतों का सबसे बड़ा त्यौहार, जाने हरियाली तीज का महत्व, मुहूर्त और पूजा करने की विधि।

Devotional

हरियाली तीज यानी सुहागिनों का सबसे बड़ा त्योहार। हर साल हरियाली तीज श्रावण मास में आती है और माना जाता है कि सुहागन के लिए सबसे बड़ा दिन होता हे। इस दिन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। इस दिन पत्नियां अपने पति की निरोगी और स्वस्थ जिंदगी के लिए मनोकामनाएं करती हे। तीज को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस साल ये दिन 31 जुलाई को पड़ रहा है. इसलिए इस बार हरियाली तीज 31 जुलाई 2022 रविवार को मनाई जाएगी माना जाता है कि इस दिन किए जाने वाला व्रत बहुत ही महत्व रखता हे और बहुत कठिन भी होता हे।

इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है. इस दिन शिव और पार्वती माता की पूजा की जाती है. इसरो हरियाली तीज के साथ-साथ श्रावणी तीज भी कहा जाता है क्योंकि यह श्रावण मास में पड़ता है।इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठे और स्नान करके भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना करें.आज के दिन सोलह सिंगार करके ही भगवान के पूजा पाठ विधि के साथ करना चाहिए।

समय-  पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:30 मिनट से 8:33 मिनट तक है. वहीं प्रदोष पूजा का सही समय शाम 6:33 मिनट से लेकर रात 8:51 मिनट तक है.

भगवान शिव और माता पार्वती के प्रतिमा के सामने सुगंधित फूल अर्पण करें, अगरबत्ती, शुद्ध घी का दीया 🪔 प्रकट करें और माता पार्वती तथा भगवान शिव की आराधना करें।घर के मंदिर में पूजा के बाद भगवान शिव के मंदिर में जाए वहां भगवान को जल चढ़ाएं और माता पार्वती की आराधना करें। माता पार्वती किस तरह भगवान शंकर के लिए व्रत रखा करते थे उसी तरीके से आप अपने पति की लंबी उम्र और निरोगी जीवन के लिए हो सके तो निर्जला उपवास करें !

अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हो तो उपवास न करे और भोलेनाथ को दूध का चढ़ावा लगाए।उपवास के दिन हो सके तो खाना न खाएं, ज्यादा भूख लगे तो या कमजोरी लगे तो एक या दो फल खाने चाहिए। पूरे दिन सकारात्मक सोचे और नकारात्मक सोचो को अपने नजदीक न लाए। अगर हो सके तो शाम को भी मंदिर में जाएं और माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना करें।

आज के दिन आप कन्याओं को भोजन करवा सकते हैं, गरीब महिलाओं को 16 शृंगार भेट कर सकते हे। माना जाता है कि आज के दिन अगर सच्चे दिल से भगवान शिव और पार्वती की आराधना की जाए और व्रत का सही तरीके से पालन किया जाए तो महिलाओं को सदा सुहागन रहने का वरदान मिलता हे।
यह व्रत से पति की लंबी आयु तथा निरोगी जीवन मिलता हे।इससे घर में शांति बनी रहती है और आपकी प्रगति के मार्ग आसान होते हैं। घर में सुख समृद्धि का वास होता है।

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