बंदरों और कुत्तों में चल रही हे गैंगवार, अभी तक जंग में जा चुकी 100 पिल्लों की जान! जाने क्या है पूरा मामला!

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इंसानों के बीच दुश्मनी और गैंगवार के कहानी तो आपने बहुत सुनी या देखि होंगे। लेकिन महाराष्ट्र के बीड जिले में इन दिनों जानवरों में गैंगवार जैसे हालत बन गए हे. महाराष्ट्र के बीड जिले के लावुल गांव में बंदर कुत्ते के पिल्लों पर नजर रखते हैं. कुछ दिन पहले कुत्तों ने एक बंदर के बच्चे पर हमला कर दिया था। तभी से बंदरो का स्वाभाव बदला हुआ देखा गया हे. उसके बाद बंदर समूह मे इकठा होने लगे और कुत्तो पे हमला करने लगे. इन कातिल बंदरों ने इस तरह कई पिल्लों की जान ले ली है।

ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि कुत्तों ने बंदर के बच्चे को मारा था. लेकिन स्थानीय लोग ऐसा कह रहे हैं की कुत्तो ने बदर के एक बच्चे को मार दिया था तभी से कुत्तो की शामत आ गई हे। हालांकि यह सच है कि पिछले कुछ महीनों में बंदर कई पिल्लों को गांव की अलग-अलग इमारतों की छतों पर ले गए या ऊँचे पेड़ो पे ले गए और वहीं छोड़ गए, पिल्लों की मौत भूख से हुई या ऊपर छे निचे फेक दिया जिस वजह से हो गई.

कुछ मामलों में, बंदर कुछ पिल्लों को एक पेड़ पर ले गए, जहां से पिल्ले गिर गए और उनकी मृत्यु हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बंदरों के आतंक से लोग छत पर भी नहीं जाते। पिल्लों को छत से नीचे उतरना नहीं आता और खाने को कुछ नहीं मिलता. इसलिए कहा जा रहा है कि इन पिल्लों की मौत की वजह भूख हो सकती है। सिर्फ कुत्तो मे ही नहीं बल्कि बदरो की दहशत इंसानो मे भी देखि जा रही हे. अकेले सुमसान सडक पर चलने से भी कतरा रहे हे.

विशेषज्ञों का कहना है कि बंदर आमतौर पर कुत्तों पर हमला नहीं करते हैं। इस मामले में, बंदरों ने कुत्तो पे मौजुद कीड़ों के लिए पिल्लों को उठाया होगा। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि बंदर बदला लेने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसकी शुरुआत कुत्तों ने बंदर के बच्चे को मारने से की थी। तभी बंदरों ने पिल्लों को उठाना शुरू किया। अभी देखना रहा की कब तक यह जंग यही चलती हे और क्या अत्ता हे इसका इंजाम! हर जगड़े का को बिना लडाई के भी सुलझाया जा सकता हे अभी यहा देखना रहा की कब बंदरो का गुस्सा शांत होगा।

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