पुखराज रत्न कब और किसे करना चाहिए धारण, इसे पहनते समय कुछ विशेष बातों का रखें ध्यान

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ज्योतिष के मुताबिक पुखराज रत्न बृहस्पति ग्रह किसी के कुंडली में कमजोर है तो उसे मजबूत करने के लिए पहना जाता है। जिस किसी की भी कुंडली में बृहस्पति बलवान स्थिति में है तो उस व्यक्ति को समाज, परिवार, करियर हर एक क्षेत्र में उसे मान-सम्मान मिलता है। पुखराज रत्न पहन ने से बृहस्पति ग्रह और भी मजूबत हो जाता है। पुखराज को पहनने से व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि आती है। जैसे हर एक चीज करने का नियम होता है वैसे ही पुखराज रत्न को भी पहनने के कुछ खास नियम हैं जिसके बारे में आपको हम यहां बताने जा रहे हैं।

जिन लोगो की शादी की उम्र हो गई है लेकिन शादी नहीं हो रही है और तो और जो लोग संतान सुख प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें पुखराज धारण करना चाहिए। जिन लोगों को मधुमेह या सांस की बीमारी है उन्हें पुखराज पहनने से लाभ होता है। जिस व्यक्ति का गुरु कमजोर हो उसे पुखराज धारण करना चाहिए। पुखराज धारक को एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि पुखराज पूरी तरह से शुद्ध होना चाहिए।

पुखराज की पहचान कैसे करें?

पुखराज रत्न पारदर्शी, पानी की तरह चमकदार होता है। यह एक प्रकार का रत्न है जिसकी चमक कभी भी कम नहीं पड़ती। अगर आपको कोई डली मुरझा जाने वाला पुखराज दे रहा है तो समझ लें कि यह असली पुखराज नहीं है। पुखराज में भी अलग अलग रंग आते है जैसे के पीले, नारंगी, हरे, सफेद और सुनहरे रंग होते हैं।

कितने रत्नी पुखराज धारण करना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुखराज रत्न का वजन कम से कम 3.25 कैरेट तो होना ही चाहिए। जो कोई इंसान इससे कम वजन वाला पुखराज रत्न पहनता है तो वह किसी काम नहीं है। 3.25 कैरेट से कम वजन का पुखराज असर नहीं करता और आपको ये रत्न कितने रत्ती का धारण करना होगा इस बात की जानकारी किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से जरूर ले लें। कहा जाता है कि पुखराज का वजन उसके वजन के मुताबिक जीवन पर प्रभाव डालता है।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पुखराज रत्न धारण करने की सही विधि:

पुखराज रत्न को अगर आप खरीदना चाहे तो किसी अच्छी और प्रतिष्ठित दुकान से ही खरीदें। रत्न को सोने या चांदी के धातु में मड़वा कर ही धारण करे। पुखराज रत्न को धारण करने से पहले इसको गंगाजल या दूध में शुद्ध करे। इसके बाद पुखराज रत्न की अंगूठी को एक साफ पीले कपड़े लिपट कर रख दें। अगर आप पुखराज रत्न की अंगूठी पहनना चाहते है तो आप बुधवार के दिन ही पहने। फिर गुरुवार के दिन सुबह के समय इस अंगूठी को दाहिनी हाथ की तर्जनी उंगली में धारण कर लें। ध्यान रखें कि पुखराज रत्न का असर तीन सालों तक रहता है। 3 साल बाद इस रत्न को जरूर बदल लें।समय पर अंगूठी की साफ-सफाई करते रहें। अंगूठी पर बिल्कुल भी धूल न बैठने दें।

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