पाकिस्तान का पंचमुखी स्वयंभू हनुमान मंदिर, जहा 17 लाख साल से आज तक लगती हे दर्शनार्थियों की भिड़।

Devotional

जैसा कि आप जानते हैं पाकिस्तान भी कभी भारत का हिस्सा था और पाकिस्तान में भी हजारों मंदिर है और आज भी मौजूद है। आज हम जिस मंदिर के बारे में बात करने जा रहे है वो ना सिर्फ सबसे पुराना माना जाता है बल्कि स्वयंभू भी माना जाता है।

पाकिस्तान के कराची शहर में सोल्जर बाजार में ऐसे ही 1500 साल पुराना हनुमान मंदिर मौजूद है। अचंबे की बात है कि 1500 साल से भी मंदिर ऐसी खूबसूरती के साथ आज मौजूद है। इस मंदिर मे हनुमान जी के पांच मुख वाली प्रतिमा है इसी वजह से इसको पंचमुखी हनुमान मंदिर भी कहा जाता है। हजारों साल पुराना होते हुए भी आज भी मजबूती के साथ खड़ा है। पंचमुखी हनुमान मंदिर को पाकिस्तान में हेरिटेज का दर्जा मिला हुआ है. इस मंदिर में दिवाली होली, रामनवमी, हनुमान जयंती जैसे तहवार धाम धूम से मनाए जाते हैं.

ऐसा माना जाता है कि हजारों साल पहले जब हनुमान जी की भक्ति में लीन राजा को हनुमान जी ने दर्शन दिए और उसके बाद उसी जगह पर माना जाता है कि हनुमान जी की मूर्ति धरती फाड़ के बाहर आई आश्चर्य की बात यह है कि इसी मूर्ति में हनुमान जी के पांच अवतार मौजूद हैं इस वजह से इसे पंचमुखी हनुमान कहा गया। उसके बाद वहां पर राजा ने मंदिर बनवाया और यही मंदिर पंचमुखी हनुमान मंदिर के नाम से पूरे भारत में विख्यात हुए आज यह मंदिर पाकिस्तान का हिस्सा है।

बचे हुए चंद हिंदुओं में और सिंधी लोगो में आज भी पंचमुखी हनुमान मंदिर का महत्व बहुत है उनका मानना है कि आज भी पंचमुखी हनुमान जी उनको सुरक्षित रखे हुए हैं।

खबरों की माने तो समय-समय पर मंदिर की जमीन पर आसपास के लोगों ने कब्जा किया हुआ है। पाकिस्तान की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के कहने पर जमीन मंदिर को वापस दी गई है मंदिर के लिए सुरक्षित करके उसका पुनर्निर्माण भी करवाया गया या तो कहे तो रेनोवेशन करवाया गया। आसपास की जमीन की खुदाई के वक्त पर हजारों साल पुराने मंदिर के अवशेष मिले जो बताते हैं कि मंदिर कितना पुराना हो सकता है।

पूरे विश्व मे पंचमुखी स्वयंभू हनुमान मंदिर बस यही हे। आज भी कराची और पूरे पाकिस्तान से लोग मनोकामन और मन्नत मांगते है, और हनुमानजी उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं पाकिस्तान में रहे हिंदुओं में पंचमुखी हनुमान जी की असीम श्रद्धा है।

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