पतियों के अंडरवियर धोना पत्नियों का ‘फर्ज’ कैसे हो गया?

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हमारे देश में आज भी ऐसी मान्यता है घर का सारा काम सिर्फ औरते ही करेंगी। चाहे वो बर्तन का काम है कपडे धोना है बच्चो को रखना हो खाना बनाना हो या फिर घर की साफ़ सफाई करना हो सारा काम औरतो के हिस्सों में ही आता है। देश के कई इलाको में ऐसी मान्यता है के महिलाओ का जन्म परिवार की देखभाल करने के लिए हुआ है।

चलो कुछ हद तक मान भी लेते है के घर का थोड़ा बहुत काम घर क औरते ही करेंगी, जैसे के खाना बनाना हो गया लेकिन आपने कभी यह नहीं सोचा के घर के मर्दो का अंडरवियर धोना कैसे औरतो का फर्ज बन गया। औरते ही क्यों उनके पति का अंडरवियर धोती है। ऐसे तो स्वाभाविक रूप से देखा जाए तो कपडे भले ही औरते धोती हो लेकिन अंडरवियर तो जिसका है उसे ही उसे धोना चाहिये।

हमारे समाज में कई सारी पत्निया ऐसी है जो पति के सभी काम अच्छे से करने को अपना फर्ज मानती है। शायद उन्होंने बचपन से ही अपने घर में माँ बहन दादी सभी से ऐसा ही सीखा हो के घर का काम करना औरतो का फर्ज होता है। उनका मानना होता है के वो अच्छा काम करेगी तो उसका पति खुश होगा और घर में ख़ुशी का माहौल बना रहेगा।

आपको जानकार हैरानी होगी के कई सारे पुरुष ऐसे है जिन्हे अपना खुद का अंडरवियर धोने में शर्मिंदगी महसूस होती है। हद तो तब हो जाती है जा कुछ दिनों के लिए पत्नी मायके गई हो तब पति उसके बाकी कपडे धो लेगा लेकिन जब तक पत्नी वापिस नहीं तब तक अंडरवियर इकठ्ठा करता रहेगा।

वैसे आपकी इस मुद्दे पर क्या राय है हमें कमेंट करके जरूर बताना। धन्यवाद।

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