पंडितजी की बकरी को देख एक ठग ने कहा ये कुत्ता है, दूसरे ने मरा हुआ बछड़ा बताया, ये सुनकर पंडितजी ने क्या किया?

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जीवन में कभी भी किसीका आँखे मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए, नहीं तो अंत में हमारा ही नुकसान होता है| कई ऐसे मतलबी लोग होते है जो अपने फायदे के लिए दुसरे व्यक्ति को भले कितना ही जुट क्यों न बोलना पड़े, बोलकर अपना काम निकाल ही लेते है| वह दुसरे व्यक्ति के बारेमे उतना भी नहीं सोचते है की हमारे फायदे में उसका कितना नुकसान हो रहा होता है| आज हम एक कहानी के रूप में इसे समजते है|

एक गाव में विद्वान पंडितजी रहते है| उनका दैनिक जीवन पूजा पाठ से शुरू होता और ख़त्म भी पूजा पाठ सही होता| वह अपना जीवन यापन पूजा पाठ करके ही करते थे| एक दिन गाव में एक सेठ के यहाँ पूजा करने के लिए पंडितजी को बुलाया जाता है| पंडितजी पूजा पाठ करने के लिए जाते है और बहोत अच्छी तरह से पूजा ख़त्म करते है| पूजा ख़त्म होने के बाद सेठजी पंडितजी को दान में एक बकरी देते है|

बकरी को अपने कंधे पर रखकर पंडितजी अपने घर की और रवाना होते है| रास्ते में पंडितजी को बकरी ले जाते हुए तिन ठग देखते है और बकरी लेने के लिए एक योजना बनाते है| बकरी हथियाने के लिए ठगों ने अपनी योजना को अमल करना शुरू किया|

पंडितजी रास्ते में जा रहे होते है और एक ठग आकर उनसे कहता है की “पंडितजी यह आप कुत्ते को कंधे पर बिठाकर क्यों जा रहे हो?” पंडितजी कहते है “यह बकरी है| क्या तुम्हे दिखाई नहीं देता है?” तब पहला ठग कहता है “जो मुझे दिखा वह मैंने आपको बताया, बाकी आपकी मर्जी|” और पहला ठग वहा से चला जाता है|

पंडितजी आगे निकालते है तो उन्हें दूसरा ठग इल्ता है और पंडितजी से कहता है की “पंडितजी आप अपने कंधे पर मरे हुए बछड़े को क्यों लेकर जा रहे हो?” पंडितजी कहते है की “क्या तुम्हे दिखाई नहीं देता है? यह बकरी है|” दूसरा ठग कहता है “मुझे पंडितजी जो दिखा वाही मैंने आपको कहा|”

पंडितजी बात को अनसुना करके आगे निकल जाते है| उन्हें तीसरा ठग मिलता है और कहता है “पंडितजी आप मरे हुए जानवर के अस्थि क्यों लेकर जा रहे हो? कोई देखेगा तो क्या कहेगा?” पंडितजी कहते है की “तुम अंधे हो क्या? यह बकरी है|” तीसरा ठग कहता है “मुझे जो दिखा वह मैंने कहा आपको|” और वह निअकल जाता है वहासे|

पंडित जी आगे जाकर सोचते है की क्या यह एक मायावी जानवर तो नहीं है जो लोगो को माया से रूप बदल बदल कर दिखाई देता है? पंडितजी डर जाते है और उस बकरी को रास्ते में छोड़कर अपने घर चले जाते है| चोर उस बकरी को लेकर अपने घर चले जाते है|

इस कहानी से हमें पाठ मिलता है की हमें कबी भी किसी अनजान व्यक्ति की बातो पर आँखे मुंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए| अगर हम ऐसा करते है तो इसमें हमराही नुकसान होता है|

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