देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी, जानिए कितना बचा हे गोल्ड रिजर्व

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महामारी, ट्रेड को लेके देशो के बिच तनाव और युद्ध के माहौल मे विश्व के कही देश बेकरी, गरीबी का सामना कर रहे हे. भारत के पडोसी देश श्रीलंका मे प्रेटोल डिसल के दाम 400 रुपये के पार जाने का बडा कारन उनका गोल्ड रेसर्व और मुद्रा भंडार मे आई भरी कमी थी. ऐसे मे भारत मे भी महंगाई तेजी से बडी हे ऐसे मे भारत का मुद्रा भंडार और गोल्ड रेसर्व जानना बेहद जरूरी हो जाता हे.

आपको बता दे की पिछले कही दिनो से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार मे गिरावट देखि गई हे. पिछले सप्ताह मे यह रिजर्व 2.676 अरब डॉलर घटकर 593.279 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने यह जानकारी साजा की थी. इससे पहले के सप्ताह में यह 1.774 अरब डॉलर घटकर 595.954 अरब डॉलर रह गया था. 29 अप्रैल को विदेशी भंडार 2.695 अरब डॉलर घटकर 597.73 अरब पर आ गया था.

आइये जानते हे क्या होता हे विदेश मुद्रा भंडार या फोरेक्स रिज़र्व। कुछ वक्त पहले भारत का विदेश भंडार 640 अरब डॉलर के करीब पोहच गया था जिसमे अब कमी आती नजर आ रही हे. किसी भी देश की मुख्य बैंक देश के पैसे विदेशी मुद्रा मे जमा करवाते हे जो लेनदेन के लिए उपयोग मे ली जा सके. यह मुद्रा रिज़र्व बैंक से जारी की जाती हे, ज्यादातर देश ऐसी मुद्रा डॉलर मे रखते हे जिससे दूसरे देश  किया जा सके.

जिस देश का जीतनज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार वह देश उतना ही मजबूत माना जाता हे. आज से 30 साल पहले जहा भारत का सोना विदेशो मे गिरवी रहता था. वही आज भारत का विदेश मुद्रा भंडार इतना हे की वह 1 साल की आयत के लिए जरुरी सामान ले सके. आपको बता दे की डॉलर और पाउंड मे मजबूती और रुपये मे कमजोरी भी विदेशी मुद्रा घटने का कारन हे.  डॉलर में बताई जाने वाली एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है. वही गोल्ड रिजर्व का मूल्य भी 1.169 अरब डॉलर घटकर 40.57 अरब डॉलर रह गया.

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