दम तोड़ते हुए पिता ने कहा- ‘परीक्षा मत छोड़ना’, तो बेटी ने पहले एग्जाम दिया और फिर अर्थी को…

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हमारे देश में बोर्ड परीक्षा का महत्व न सिर्फ बच्चों के लिए होता है, बल्कि इससे उनकी फैमिली को भी बहुत ही ज्यादा उम्मीदें होती हैं। ऐसे में हर मां बाप अपने बच्चों को बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार करते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ से एक गमगीन मामला सामने आया, जिसे जानते ही सबकी आंखे नम हो गईं। दरअसल, छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक बेटी ने अपने पिता के मौत के बाद भी बोर्ड की परीक्षा दी और फिर घर आकर उनके अर्थी को कंधा भी दिया। हालांकि, यहां सवाल उठता है कि आखिर उसने क्यों ऐसा किया?

छत्तीसगढ़ के धमतरी क्षेत्र में एक बेटी ने अपने पिता के मौत के बाद भी बोर्ड परीक्षा दी, जिसके जज्बे को देखकर हर किसी के आंखों में आंसू आ गए। जी हां, जब किसी बच्चे के सिर से पिता का साया हटता है, तो उसकी पूरी दुनिया खत्म हो जाती है, लेकिन इस बेटी ने हिम्मत से काम लिया और अपने पिता को किए गए वादे को पूरा किया। इसके बाद उसने संतान धर्म का भी बखूबी पालन किया।

मिली जानकारी के मुताबिक, आमदी नगर पंचायत कार्यालय के सामने बीते 2 मार्च को दर्दनाक सड़क हादस हुआ। हादसे में कुमार साहू की गंभीर हालत में घायल होने के बाद मौत हो गई। ऐसे में जब उसके पिता अस्पताल में थे, तो उनकी ख्वाहिश थी कि उनकी बिटिया अपना बोर्ड एग्जाम न छोड़े, जिसकी वजह से उनकी बिटिया ने उनकी आखिरी ख्वाहिश पूरी की। पिता की मौत हो जाने के बावजूद वह स्कूल गई और अपनी परीक्षा पूरी की, जिसके बाद वह घर वापस आई।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो कुमार साहू की बिटिया ने अपने पापा की आखिरी इच्छा को पूरा किया और फिर घर आकर संतान धर्म का पालन किया। परीक्षा के बाद उसने अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और फिर उनका अंतिम संस्कार भी किया। बता दें कि किसी भी संतान के लिए अपने पिता की अर्थी को कंधा देना, जमाने का सबसे बड़ा बोझ होता है, ऐसे में इस बच्ची ने बड़ी ही हिम्मत से सबकुछ संभाला, जिसे देखते ही हर किसी के आंखों में आंसू आ गए।

कुमार साहू की तीन बेटियां हैं, जिसमें से बड़ी बेटी दसवीं की पढ़ाई कर रही है। तो वहीं दोनों अन्य बेटियां अभी छोटी हैं। ऐसे में सारी जिम्मेदारी का बोझ बड़ी बिटिया पर आन पड़ा। बता दें कि तीनों बहनों ने मिलकर पिता की चिता को अग्नि दिया और फिर तीनों ही फूट फूटकर रोने लगीं। जानकारी के मुताबिक, बड़ी बिटिया किरण दसवीं में हैं, तो वहीं इसके बाद दामिनी 6 क्लास में हैं। इसके अलावा सबसे छोटी बिटिया चौथी क्लास में हैं।

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