गुरु या शिक्षक शब्द को सार्थक करता यह किस्सा बिहार के पूर्णिमा से मिल रहा हे. एक तरफ जहा सरकारी शिक्षा की अनदेखी की जाती हे या कही तरह की गलतिया निकली जाती हे तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी शिक्षक हे जो बच्चो को अच्छे से पढाने के लिए नए नए तरीके निकलते रहते हे. साथ ही लाखो की फीस लेती प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर पढाते हे.
पूर्णिमा के टीचर का पढ़ने का अंदाज सुर्खिया बटोर रहा हे. स्कूल के प्रति बच्चो की अरुचि देख शिक्षक ने तय किया की बच्चो को पढाने के लिए नयी तरकीब निकाली जाये। अब वह बच्चो को कही मजेदार एक्टिविटी के साथ पढाते हे जिसे देख बच्चे भी स्कूल की तरफ वापस लौटे हे और उनके माता पिता भी बेहद खुश हे. उन्होंने बताया की मजेदार एक्टिविटी की वजह से बच्चो का उत्साह बढता ही जा रहा है और बच्चे बड़ा मन लगा कर पढ़ते है.
शिक्षक सतीश कुमार ने हिंदी वर्णमाला पढाते हुए वीडियो वायरल हुआ हे. इतना ही नहीं बच्चो के साथ डांस कर एक्सप्रेशन के साथ क से कबूतर उड़ाया और ख से खाना खिलाया। यह वीडियो देख हर कोई उनकी तारीफ करता दिखाई दिया. वहीं, ग से गाना गाया तो ङ का घर है खाली, बच्चों बजाओ ताली। बच्चे ताली भी बजा रहे हैं। पढाई करते हुए भी बच्चे इतने खुश दिख रहे हे की जैसे वो स्कूल मे नहीं पिकनिक पे हो.
शतीश कुमार का कहना हे की यहा बच्चो की संख्या लगातार बढी हे. पेरेंट्स अपने बच्चो को प्राइवेट स्कूल से सरकारी स्कूल मे दाखिला दिला रहे हे. शिक्षक बच्चो की संख्या दुगुनी हो गई हे. एक अध्यापक वो होता है जो बच्चो के अंदर सीखने की अभिलाषा को जगा दे, सतीश कुमार यही बात को सत्य कर रहे हे वह शिक्षण के साथ साथ ही शारीरिक विकास पर ध्यान देते दिख रहे हे.