घर बनाना हुआ और भी महँगा सीमेंट से लेकर ईंट और स्टील की कीमतों में हुई भारी बढ़ोतरी

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कच्चे माल की बढ़ती कीमतों और मजदूरी के मद्देनजर देश भर में सीमेंट कंपनियों द्वारा अत्यधिक कीमतों में बढ़ोतरी के कारण आम आदमी के लिए एक घर का सपना आम आदमी के लिए और अधिक महंगा हो गया है।

कल के दिन सीमेंट कंपनियों ने सीमेंट के 20 किलो बैग में पांच रूपये और बढ़ा दिये है। जिससे सीमेंट के 20 किलो बैग की कीमत 390 के पार पहुंच चुकी है। जबकि ट्रक लोड कैरियर थोक भाव से पांच से सात रुपए कम लेता है। इसी तरह टीएमटी स्टील और ईंटों के दाम भी अधिकतम स्तर पर पहुंच गए हैं।

अहमदाबाद शहर में निर्माण उद्योग को प्रति माह औसतन लगभग 55 से 60 लाख टन सीमेंट की आवश्यकता होती है। दिवाली के बाद से सीमेंट के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। कल हुई बढ़ोतरी के साथ सीमेंट के 20 किलो की बेग पर 18 से 20 की वृद्धि दर्ज की गई है।

आरोप यह भी है कि सभी सीमेंट कंपनियां एक साथ कार्टेल बनाकर ये कीमतें बढ़ा रही हैं। लोकडाउन के बाद कंस्क्ट्रन का काम जोरो से चल रहा है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है पिछले साल के मुकाबले इस साल सीमेंट की मांग में 11 से 13 प्रतिशत बढ़ेगी।

लॉकडाउन से पहले सीमेंट की कीमत करीब 280 रुपये से 290 रुपये प्रति बोरी थी। सीधे-सीधे इतनी बड़ी वृद्धि देखने वालों की चिंता बढ़ गई है, यही स्थिति ईंट-पत्थर की है। ग्रीट के दाम दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं। इसी तरह ईंटों की कीमत भी रु. 7.50 से रु. 9 पहुंच चुके हैं। इस सभी चीजों को बाजार या फैक्ट्री से साईट पे ले जाने की लागत अलग से लगती है।

इसी तरह निर्माण उद्योग में मुख्य रूप से स्टील और अब टीएमटी स्टील का उपयोग किया जाता है, इसकी कीमतें भी अविश्वसनीय रूप से बढ़ गई हैं। दिवाली के बाद 20 से 25 दिनों में इन चीजों के दाम एक बार फिर बढ़ गए हैं। स्टील की कीमत के बारे में बात करे तो प्रति टन 55,000 रुपये से 56,000 रुपये हो गई है। जिसमें कुछ कंपनियां 57 हजार प्रति टन लेती है।

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