गरीब परिवार से आये शक्श ने लाखो रुपये की नौकरी छोड शरू किया आटा चावल बेचने का बिसनेस

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साधारण परिवार से तालुख रकहते शाशक सिंह आज पोषण के को फाउंडर हे. आपको बता दे की उन्होंने पढाई पूरी कर के उन्होने मल्टी नेशनल कंपनी मे जॉब की. इतना ही नाहीउन्होने जॉब छोड आईआईएम से MBA किआ.  रहवासी हे उन्होंने प्राथमिक शिक्षा वही से ली थी. अच्छी खासी नौकरी छोड CAT का एग्जाम दिया और MBA किया। MBA के बाद फिर एक  बार वह नौकरी से जुडे।

अब उनकी तनख्वा प्रति महीने लाखो मे हो चली थी. उनकी लाइफ सेटल थी मगर उनको यह जॉब से सटिस्फैक्शन नही मिल रहा था. ऐसे मे उन्होने नौकरी छोड खुद का बिसनेस करने का तय किया. उन्होने लाखो रुपये की नौकरी छोड बिसनेस करने की शरुआत की. वह इतना तो समाज गए थी की खुद्राय रिटेल मार्किट मे कमी आने वाली नहीं हे. ऐसे मे उन्होंने खाने पिने की बेसिक चीजों से शरुआत की.

शशांक बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान जब वर्क फ्रॉम होम शरू था तो उनको स्टार्टअप का आईडिया आया और उन्होंने मिट के साथ मिलके पोषण नामके स्टार्टअप की शरुआत की. उन्होंने कुछ ही वक्त मे नौकरी छोड दी और पोषण  गए. पोषण मे महज चार कमोडिटी- आटा, चावल, खाद्य तेल और चीनी बेचने से शरू किया गया। कम्पनी को बेहत ही पॉजिटिव रिस्पांस मिला।

कम्पनी का काम था की आटा, चावल, एडिबल ऑयल और चीनी बनाने वाली बड़ी कंपनियों या मील से माल उठा कर बड़े डिस्ट्रीब्यूटर या होलसेलर को बेचना। इतना ही नही उन्होंने रिलायंस रिटेल, लॉट्स होलसेल जैसी बड़ी कंपनियों से भी करार किया। आज कम्पनी को सिर्फ एक साल हुआ हे मगर कम्पनी की कमियाबी देख कोई नहीं कह सकता की यह सिर्फ एक साल पुराणी कंपनी हे.

शशांक सिंह का कहना हे की कंपनी बेहद ही अच्छा कर रही हे. पहले महीने 80 लाख कमाए थे तो ६ महीनेके बितर ही पर मंथ 25 करोड की बिक्री हो गई हे. आगे बताया की कंपनी 1500 करॉड तक का टर्न ओवर कर सकती हे. इससे आप अंदाजा लगा सकते हे को अगर महेनत करने की थान ले तो कामियाब होने से कोई नही रोक सकता। इसी तरह शशांक ने भी मध्यम परिवार से आते हुए नौकरी की लालसा मे न रहते हुए कुछ बडा करने की कोशिश की और कामियाबी हासिल की.

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