खुशखबर ! इन लोगों को अब टैक्स में मिल सकती है 5 लाख रुपये की छूट

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इनकम टॅक्स का अर्थ होता है आयकर। इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग इंडिवियल हर साल 31 July से पहले होती है । इनकम टैक्स में दो प्रकार की टैक्स गणतरी होती है। जो old tax regime और new tax regime से की जाती है। इनकम टैक्स का रिटर्न फाइलिंग करने से व्यक्ति को लोन लेने में बहुत सहायतामिलती है। भारत में कई ऐसे लोग ही जो इनकम टैक्स के बारे में जानते भी नहीं है। जिस व्यक्ति की आवक 500000 से ज्यादा होती हे उसके पास से भारत सरकार और इनकम टॅक्स टैक्स भुक्तान करती है।

भारत में 70टका लोग इनकम टैक्स रिटन फाइलिंग करते है। इनकम टैक्स में old tax regime में उम्र के हिसाब से टैक्स की गणत्री होती थी पर अब new tax regime में सबको समान टैक्स पे करनी पड़ती है। और old and new टैक्स मैथड में टैक्स रेट भी अलग अलग है। इनकम टैक्स की दोनो मैथड में व्यक्ति को इनकम पे 250000 तक टैक्स फ्री मिल ता है और उस के बाद टैक्स पे करना पड़ता है। जिस व्यक्ति को खेती की आवक होती हे उनको टैक्स पे करना नही पड़ता है।

जिस व्यक्ति की इनकम 250000 थी 500000 होती हे उस व्यक्ति को 5 टका टैक्स पे करनी पड़ती है। और 500000 थी 1000000 तक income होती हे उनको 10 टका टैक्स इनकम टैक्स विभाग को पे करनी पड़ती है। भारत मे new tax regime के इनकम टैक्स के नियमो सभी लोग को एक समान लागू होते है। और new tax regime me व्यक्ति को कम टैक्स पे करना पड़ता हे जिसका लाभ भारत के नागरिक को होता है।

ज्यादा सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को TDS के रूप में इनकम टैक्स कटवाना पड़ता है। और वो टॅक्स कर्मचारियों को इनकम टैक्स रिटर्न फाईलीग कर ने पे वापस मिल ता है। जिस व्यक्ति का टीडीएस कटा हुआ है उनको टीडीएस रिटर्न फाइलिंग करना पड़ता है, और उसकी डिटेल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में फाइलिंग होती है। और जब आप इनकम टैक्स का रिटर्न फाइलिंग करते हो तब TDS की डिटेल इनकम टैक्स फाइलिंग फॉर्म में आती है। इनकम टैक्स रिटर्न में आपको आपकी सभी इनकम इनकम टैक्स फॉर्म में सभी दिखानी पड़ती है।

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