आज पूरा भारत दिवाली मना रहा है। अपने परिवारों संग खुशियां बटोर रहा है, नई यादें बना रहा है, नए कपड़ों से लेकर, पकवान मिठाई बनाई जा रही है, फटाके फुलझड़ियां जलाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ मां भारती की रक्षा के लिए भारतीय आर्मी के कुछ जवान सरहद पर गोली, बम, बारूद का सामना कर रहे हैं। चाहे वह आतंकी हमला ना काम करना हो या नापाक पाकिस्तान की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देना हो। मुस्तैदी से खडी भारतीय आर्मी के बदौलत ही आज हम सही सलामत अपने परिवार के साथ दिवाली मना पा रहे हैं।
आज कश्मीर से दिल जंजोड दे ऐसी खबर आ रही है जहां सिर्फ 23 साल के लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन सिंह रजौली जिले के लाम सेक्टर में शहीद हुए हैं। जैसा कि हम न्यूज़ में देख रहे हैं पिछले 1 महीने से कश्मीर में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं भारतीय आर्मी भी सर्च ऑपरेशन करके आतंकवादियों को उनकी सही जगह पर पहुंचा रहे हैं। आपको बता दें कि शहीद ऋषि रंजन अपने परिवार के इकलौते चिराग थे। वह अपने पीछे अपनी दो बहने और माता पिता को छोडकर गए हैं। इनके शहीद होने की खबर जब बिहार के बेगूसराय में पहुंची तो उनके घर में तथा परिवार में और पूरे शहर में जैसे मातम छा गया हो।
1 महीने पहले ही ऋषि की पोस्टिंग कश्मीर में हुई थी। रूसी और उनकी टीम नियमित गस्त के दौरान नियंत्रण रेखा के पास में जा रही थी। उसी वक्त आतंकियों के नापाक हरकत में ऋषि रंजन ओर उनके 4 साथियों को गंभीर रूप से गायाल कर दिया। मिलती खबरों के अनुसार वहां पर लैंडमाइंस बिछाई हुई थी जिसमें ब्लास्ट हो गया, जिसकी वजह से जवान गंभीर रूप से घायल हो गए उनको इलाज के लिए ले जाया गया जहां पर लेफ्टनन्ट ऋषि रंजन को शहीद घोषित किया गया.
शहीद लेफ्टनंट ऋषि रंजन के पिता बेगूसराय शहर में फर्नीचर का व्यवसाय करते हैं। वह उनके परिवार के इकलौते पुत्र थे उनके अलावा उनकी दो बहने हैं। जिसमें से उनकी बड़ी बहन भी आर्मी में मेजर के पद पर है। ऋषि रंजन का परिवार वैसे तो लखीसराय जिले के पिपरिया का रहने वाला है, मगर उनका परिवार सालों से बेगूसराय में रह रहा है। दिवाली के दिनों में ही जहां लोगों के घर में दिए और चिराग जलाए जा रहे हैं, वहीं आज ऋषि रंजन के परिवार का चिराग हमेशा के लिए बुज गया मगर वह भारत के हर दिल मे हमेशा जलता रहेगा। भगवान ऐसे मुश्किल वक्त में उनके परिवार को मुसीबत का सामना करने की शक्ति दें। जय हिंद।।