कब है कल्कि जयंती? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का सही विधि-विधान

Devotional

हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि के रूप में जन्म लेंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान कल्कि कलयुग में फैले द्वेष और पापो का संपूर्ण प्रकार से विनाश करने के बाद धर्म की स्थापना के लिए कल्कि अवतार के रूप में जन्म लेंगे। तो आइए आपको बताते हैं कि इस साल कल्कि जयंती कब है और उसकी पूजा और विधि ?

हिन्दू पंचाग के अनुसार हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान कल्कि की जयंती मनाई जाती है। इस साल कल्की जयंती 13 अगस्त के दिन शुक्रवार को आ रही है। आपको जानके हैरानी होगी के यह भगवान विष्णु का ऐसा अवतार है, जिसकी जयंती उनके जन्म से पहले मनाई जाती है। तो आइये जानते हैं भगवान कल्कि की जयंती के दिन तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा का विधि-विधान।

कल्कि जयंती तिथि

इस साल कल्कि जयंती का मंगल मुहूर्त शुक्रवार 13 अगस्त 2021 को शाम के 04 बजकर 24 मिनट से शाम के 07 बजकर 02 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा

शुक्ल पक्ष षष्ठी कल्कि जयंती तिथि का प्रारंभ : शुक्रवार 13 अगस्त 2021 , दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से

शुक्ल पक्ष षष्ठी कल्कि जयंती तिथि का समापन : शनिवार 14 अगस्त 2021 सुबह 11 बजकर 50 मिनट तक होगा।

पूजा का विधि-विधान

सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्‍नान आदि दैनिक कार्यों ख़तम करके आपको व्रत का संकल्‍प लेना चाहिए। पूजाघर में साफ सफाई करने के बाद ।आपको भगवान कल्कि की प्रतिमा को गंगाजल या दूध से नहलाकर प्रतिमा को नये वस्त्र अर्पण करे। पूजा स्थान पर एक चौकी रखकर उस पर पिले या लाल रंग का कपड़ा फैलाकर भगवान कल्कि को बिराजमान करें। धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्‍प और अगरबत्‍ती आदि चीजों की मदद से भगवान कल्कि की पूजा करें। पूजा सम्पन्न हो जाने के बाद भगवान से जो मांगना चाहते हो उसे मांगे और बाद में प्रसाद सभी के बीच में बाट दी जिये। पूरी श्रद्धा से आज के दिन व्रत के साथ साथ पूजा करने से भगवान आपकी हर मनोकामना अवश्य पूर्ण करते है।

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