हमारे देश में लाखों मंदिर हैं। हमारे देश के हर गांव और शहर में एक मंदिर जरूर मिलेगा। ये सभी मंदिरने हमारे प्राचीन काल के रहस्यों और संस्कृति को संरक्षित किया है। हरेक मंदिर की अपनी अलग पहचान और उसका पौराणिक महत्व है। तो आह हम आपको ऐसे ही एक अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हे यह एक ऐसा मंदिर है जहां प्रसाद में भक्तों को कोई मिठाई या खाद्य सामग्री नहीं दी जाती है लेकिन इस अनोखे मंदिर में प्रसाद के रूप में आभूषण दिए जाते हैं, जी है आपने बिलकुल सही पढ़ा प्रसाद में मिलते है यहाँ पे गहने।
आपने कई मंदिरों में देखा होगा जहां 90% प्रसाद बांटा जाता है लेकिन यह मंदिर इतना सुखी है कि वर्षों से यहाँ आने वाले भक्तो को प्रसाद में धन का वितरण किया जाता है। इस मंदिर से जुडी अन्य जानकारी जानने के लिए आगे पढ़ें। यहां आने वाला हर कोई भक्त सोने और चांदी के सिक्कों के साथ अपने घर जाता है। रतलाम का यह मंदिर महालक्ष्मी का है जिसमें वर्षों से भक्तों की भीड़ रहती है। भक्त इस मंदिर में करोड़ों रुपये के आभूषण चढ़ाते हैं इसके साथ ही पैसे भी चढ़ाये जाते है।
दिवाली के अवसर पर धनतेरस से पांच दिवसीय दीपोत्सव का आयोजन किया जाता है। दीवाली के इस अवसर पर मंदिर को फूलों से नहीं बल्कि आभूषणों और धन से सजाया जाता है। कहा जाता है कि धनतेरस के अवसर पर महिलाओं को दीपदान की गठरी दी जाती है यहां आने वाले भक्तों को कुबेर खाली हाथ नहीं लौटाया जाता है।
इस मंदिर में त्यौहार के समय में चाहे कितने भी भक्त दर्शन के लिए आये यहाँ के दरवाजे भक्तो के लिए 24 घंटे खुले रहते है। जानने के लिए पढ़ें कि यहां आभूषण क्यों दिए जाते हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर में आभूषण चढ़ाने और धन चढ़ाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। कई दशकों तक राजा राज्य की समृद्धि के लिए मंदिर में धन आदि चढ़ाते थे और अब भक्त भी माता के चरणों में आभूषण आदि चढ़ाने लगे हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा होती है हमेशा उनके घर में माता लक्ष्मी का निवास रहता है।
(ऊपर बताई गई जानकारी का हम दावा नहीं करते हैं कि यह सत्य एवं सटीक है. इन्हें अपनाने से पहले इस क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.)